
इंदौर। सरकारी विभागों में तेजी से बढ़ रहे भ्रष्टाचार को प्रभावी तरीके से रोकने एवं अधिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने पिछले 10 माह के दौरान भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की है और अधिकारियों के खिलाफ सर्वाधिक प्रकरण दर्ज किए हैं, वहीं तीन बड़ी छापामार कार्रवाई में करोड़ों की अनुपातहीन संपत्ति उजागर की है।

40 साल में लोकायुक्त पुलिस ने 42 भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, वहीं पांच मामले पद के दुरुपयोग के सामने आए हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरकारी विभागों में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लोकायुक्त पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इंदौर लोकायुक्त एसपी डॉ राजेश सहाय ने बताया कि 1 जनवरी 25 से अक्टूबर 2025 तक अलग-अलग विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हुई है। 10 माह के दौरान लोकायुक्त पुलिस ने जहां 42 रिश्वतखोर अधिकारी और कर्मचारियों को घूस लेते पकड़ा है, वहीं उनसे 8 लाख 93 हजार 850 रुपए की राशि जब्त की गई। एसपी डॉक्टर सहाय ने बताया कि इस साल सहायक आयुक्त वाणिज्य कर विभाग, अधीक्षण यंत्री विद्युत विभाग, तथा सेवानिवृत्ति जिला आबकारी अधिकारी के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस करोड़ों की संपत्ति उजागर की है।

इन रिश्वतखोरों को पकड़ा लोकायुक्त ने
नारायण प्रसाद रायकवार सहायक संचालक मत्स्य विभाग बड़वानी को 5000 की रिश्वत लेते रंगे पकड़ा गया, वहीं स्कूल शिक्षा विभाग झाबुआ के बीआरसी संजय सिकरवार तथा चपरासी श्यामलाल पाल 11000 की घुस लेते धरा गया। बडग़ोदा थाना महु में पदस्थ पुलिस उप निरीक्षक गोविंद सिंह गिरवर को 10000 की रिश्वत लेते, सामाजिक न्याय विभाग अलीराजपुर अल्ताफ खान को 45000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार करने वाले वन विभाग बाग-धार के रेंजर वैभव उपाध्याय को 10000 की रिश्वत, बने सिंह परमार पादरा रक्षक राजोद धार को 22000 एवं राधेश्याम चौहान लेखपाल सिविल सर्जन संचालक चिकित्सा विभाग बुरहानपुर को 10000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। देपालपुर में पदस्थ पटवारी राजस्व अक्षत जैन को 9 हजार , अरुण शर्मा प्रधान आरक्षक थाना एमआईजी को 5000 , नगर निगम के झोन क्रमांक 18 में पदस्थ क्लर्क संजय वेद को 7000 की रिश्वत, देपालपुर विकासखंड के समन्वय माता प्रसाद गौड़ को 13000, बदनावर में पदार्थ रोजगार सहायक मदनलाल डामर को 5000 की, सुनील परमार पटवारी देपालपुर को 5000 , नगर निगम दरोगा झोन 22 गोपाल पटोना, सहायक सुपरवाइजर भारत मुराडिय़ा को 3000, तहसीलदार दयाराम निगम एव नरेंद्र नरवरिया तहसील कार्यालय के सहायक नरेंद्र नरवरिया खोडल को 50000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। हाल ही में आजाद नगर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक धर्मेंद्र राजपूत को एक लाख की रिश्वत के साथ पकड़ा गया। पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जूनियर इंजीनियर शैलेंद्र पटवार को 10000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। लोकायुक्त के सूत्रों ने बताया कि रिश्वत लेने के मामले में इस बार पुलिस विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, शिक्षा विभाग के कर्मचारी ,अधिकारी अव्वल रहे हैं।
तीन बड़े छापों में सेवानिवृत जिला आबकारी अधिकारी भदोरिया सबसे अमीर निकला
इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने चालू 10 माह के दौरान तीन बड़े अफसर के यहां आय से अधिक संपत्ति होने के मामले में छापामार कार्रवाई करते हुए करोड़ों की संपत्ति उजागर की है, वहीं दूसरी ओर करोड़ों का सोना और संपत्तियों का खुलासा किया है। लोकायुक्त एसपी डॉ राजेश सहाय ने बताया कि 15 जनवरी 2025 को अधीक्षण यंत्री मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी इंदौर संभाग ध्रुव नारायण शर्मा के यहां अनुपात हैं संपत्ति के मामले में छापामार कार्रवाई की थी। उनकी आय दो करोड़ 80 लाख थी। जिसमें से उन्होंने 841,57648 खर्च किए। अनुपातहीन संपत्ति 561,57648 उजागर हुई।
इसी प्रकार वाणिज्य कर विभाग की सहायक आयुक्त रूबी रघुवंशी के यहां भी लोकायुक्त पुलिस ने 14 जनवरी 2025 को छापा डाला था और 59,603350 कीअनुपात संपत्ति उजागर हुई की थी। बताया जा रहा है कि संबंधी अधिकारी कि आय15 करोड़ थी। 74 करोड़ से ज्यादा खर्च किए। इस मामले में जांच चल रही है अभी चालान पेश नहीं हुआ है। हाल ही में लोकायुक्त ने लंबे समय से बचते आ रहे आबकारी विभाग के रिटायर जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया पर शिकंजा कसा। और उसके यहां से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया है। प्रभावशाली अधिकारी होने के कारण होने के कारण अब तक उसका गिरेबां पर किसी ने हाथ नहीं डाला था। पहली बार लोकायुक्त पुलिस ने उसके खिलाफ एक्शन मूड में आते हुए कार्रवाई की है। अभी जांच चल रही है। इस दौरान अब तक जहां उसे घर से 886 ग्राम गहने मिले, जिनकी कीमत 7923698 आंकी गई है। तीन लॉकर खोले गए हैं। वही अभी तक 28 करोड़ 81 लाख की संपत्ति उजागर की है। पुलिस अब भदौरिया द्वारा खरीदी गई उन प्रापर्टीजयों के बीच जांच कर रही है जिसका उल्लेख अब तक उसने जांच के दौरान नहीं किया है।
पद के दुरुपयोग के मामले सामने आए
लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों द्वारा पिछले 10 माह के दौरान की गई कार्रवाई में पांच ऐसे बड़े अफसरों कारनामे में सामने आए हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए इसका दुरुपयोग किया। इन इन अफसरों मेंं माया मंडलोई तत्कालीन नगर परिषद अधिकारी धामनोद, मोहम्मद अनीश, दिनेश शर्मा नगर परिषद धामनोद, खनिज विभाग के अधिकारी धार शमा खान, कृष्ण निनामा सहायक वन सरक्षक नवरतन बाग इंदौर के विरुद्ध कारवाई लोकायुक्त द्वारा की गई है। इन अफसर में भारी भ्रष्टाचार किया था, इनके खिलाफ जांच चल रही है।
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