
मई के पहले हफ्ते से कमी आने की संभावना…
उपचाररत मरीजों की संख्या भी घटकर 12 हजार तक पहुंची
इंदौर। इस पूरे कोरोना काल (corona period) में अप्रैल का महीना सबसे बुरा साबित हुआ है, जिसमें सबसे अधिक कोरोना मरीज (Corona patient) तो मिले ही, वहीं मौतें भी सर्वाधिक रही। सारे अस्पतालों ((hospitals) में बेड, ऑक्सीजन (Oxygen) से लेकर इंजेक्शनों (Injections) की किल्लत का सामना मरीजों के परिजनों ने किया और यह सिलसिला अभी भी जारी है। अप्रैल के 30 दिनों में 42363 कोरोना मरीज मिले और 185 अधिकृत मौतें बताई गई। हालांकि यह आंकड़ा इससे कई गुना अधिक है। हालांकि 34393 मरीज स्वस्थ भी हुए और 2 लाख 42 हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच भी इस दौरान हुई।
उम्मीद है कि मई (may) के पहले हफ्ते से कोरोना मरीजों (Corona patients) की संख्या में और भी गिरावट आएगी। हालांकि बीते 3-4 दिनों से संक्रमण की दर 17 से 18 प्रतिशत के बीच ही चल रही है, जो पहले 22-23 फीसदी तक पहुंच गई थी। पूरे देश में ही अप्रैल के महीने में अधिकांश जगह कोरोना विस्फोट हुआ और अब तो 24 घंटे में 4 लाख से अधिक नए मरीजों की संख्या पहुंच गई है। इंदौर में अभी तक 1 लाख 12 हजार 672 कोरोना मरीज मिले हैं, जिनमें से 42 हजार से ज्यादा तो सिर्फ अप्रैल के 30 दिनों में ही मिले। कल भी महीने के आखिरी दिन 1832 पॉजिटिव मरीज मिले और 8 मौतें बताई गई। गत वर्ष मार्च से कोरोना संक्रमण की शुरुआत इंदौर में हुई थी और उस महीने मात्र 61 मरीज आए थे, उसके बाद पूरे देश में कफ्र्यू (curfew) और लॉकडाउन (lockdown) घोषित किया गया। वहीं अप्रैल में गत वर्ष 1452, तो मई के महीने में 2026, जून के महीने में 1195 मरीज मिले और इस महीने से ही अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू की गई और जुलाई में 2714 मरीज मिले और अगस्त में फिर आंकड़ा बढ़ा और 5802 कोरोना मरीज पाए गए। सितम्बर में भी रफ्तार बढ़ी और यह संख्या 11225 मरीजों तक पहुंच गई। अक्टूबर के महीने में 9644, नवम्बर में 8572 के बाद दिसम्बर में फिर इंदौर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी और 12446 मिले। इस साल जनवरी में भी संख्या घटकर 2353 पर आ गई और फरवरी में भी यह सिलसिला जारी रहा और इस दौरान नए मरीजों की संख्या मात्र 2268 ही रही। लेकिन उसके बाद मार्च से महाराष्ट्र सहित देश के कुछ हिस्सों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई, जिसकी चपेट में इंदौर भी आया और मार्च में 10551 मरीज मिले। लेकिन अप्रैल के महीने ने तो सारे रिकार्ड तोड़ दिए और इस पूरे कोरोना काल में सर्वाधिक मरीज 42363 अप्रैल के महीने में मिले। यानी रोजाना औसतन 1200 से 1500 पॉजिटिव मरीज निरंतर मिलते रहे। इंदौर में अभी तक 11 लाख 75 हजार से अधिक कोरोना मरीजों के टेस्ट कराए जा चुके हैं और औसत संक्रमण की दर अगर देखें तो साढ़े 9 प्रतिशत ही है। लेकिन अप्रैल के महीने में यह बढक़र 22-23 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जो अब घटकर 17-18 फीसदी तक आ गई है। पिछले 10 दिनों से सख्ती से कोरोना कफ्र्यू का पालन भी कराया जा रहा है, जिसके चलते तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या पर थोड़ा-सा अंकुश लगा है। हालांकि मौत भी सर्वाधिक अप्रैल के महीने में ही हुई। हालांकि घोषित रूप से तो 185 मौत ही स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बुलेटिन में बताई गई, लेकिन इससे कई गुना अधिक मरीजों की मौत हुई है। क्योंकि महीनेभर से ही कब्रिस्तानों और श्मशानों में लगातार शवों का आना जारी रहा। अब उम्मीद है कि मई के पहले हफ्ते से कुछ राहत मिलेगी।
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