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इंदौर : नासिर का इतना तगड़ा नेटवर्क कि शिकायत से एफआईआर तक में 10 साल लगे

December 24, 2024

  • वक्फ संपत्ति की धोखाधड़ी के मामले में खुले कई राज… आदतन था अपराधी
  • 2014 में की थी फर्जीवाड़े की शिकायत

इंदौर। वक्फ बोर्ड (Wakf Board) के नकली कागजात (Fake papers) तैयार कर उन्हें बेचने के मामले में पुलिस ने 10 साल लगा दिए। शिकायत भोपाल (Bhopal) में की गई थी, लेकिन शिकायत से लेकर एफआईआर (FIR) तक के सफर में ही पूरे 10 साल लग गए। अब मामला खुला है तो शहर में कुछ बड़े मामले इसकी जद में आ सकते हैं। एक तरह से समानांतर वक्फ बोर्ड ही आरोपी नासिर खान द्वारा चलाया जा रहा था, जिसको लेकर अब पुलिस बारीकी से पड़ताल कर रही है।



वक्फ में करोड़ों की संपत्तियों के घालमेल, उन्हें किराए पर देने या बेचने के मामले में पहले भी उंगली उठती रही है और इसी कारण अब सरकार नया वक्फ कानून लाने जा रही है। इसकी तैयारी चल रही है। इसी बीच भोपाल और इंदौर में हुई इस कार्रवाई ने इस शक को पुख्ता कर दिया है कि प्रदेश में भी वक्फ माफिया सक्रिय हैं। इस मामले में भोपाल के रहने वाले उस्मान नामक व्यक्ति ने 2014 में एक शिकायत की थी, जिसमें नासिर खान के विरुद्ध उन्होंने वक्फ की संपत्ति को फर्जी तरीके से सील-सिक्के लगाकर बेचने के आरोप लगाए थे। इंदौर के उषागंज में रहने वाला नासिर खान कर्बला कमेटी में भी पदाधिकारी रह चुका है। इसको लेकर वक्फ बोर्ड में भी शिकायत हुई और कुछ पदाधिकारियों की वजह से मामला दबा रहा, तब तक नासिर अपने हिसाब से संपत्तियां बेचता रहा, लेकिन बोर्ड के अध्यक्ष पद पर उज््जैन के सनव्वर पटेल के ेआने के बाद मामला फिर सामने आया और उस्मान द्वारा की गई शिकायत की जांच की गई। शिकायत में पाया कि नासिर फर्जी तरीके से गोलमाल कर रहा है और उसने एक तरह से समानांतर वक्फ बोर्ड ही खोल रखा है, जिसमें मोटा लेन-देन कर वह जमीनें और संपत्तियां बेच रहा था। दो दिन पहले इस मामले में इंदौर पुलिस कमिश्नर कार्यालय को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया और संयोगितागंज पुलिस ने धोखाधड़ी को लेकर प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी कर लिया।

दस्तावेज खोलेंगे फर्जीवाड़े की पोल
उसके पास से कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो इस पूरे फर्जीवाड़े की पोल खोलेंगे। पुलिस अगर ईमानदारी से जांच करती है तो इस मामले में मुस्लिम समाज की कुछ संस्थाओं के नाम भी सामने आ सकते हैं, जिनको जमीनें या भवन बेचे गए या फिर किराए से दिए गए हैं। पुलिस पर निष्पक्ष जांच का दबाव भी इसलिए है कि इस पूरे मामले में भोपाल के वक्फ बोर्ड द्वारा नजर रखी जा रही है।

वक्फ संपत्तियां समाज की हैं और इनकी हेरफेर करने वाले आरोपी बचेंगे नहीं। हमने इंदौर में पुलिस को जानकारी दे दी है और हर प्रकार की जांच में सहयोग करने को तैयार हंै।
-डॉ. सनव्वर पटेल, अध्यक्ष, मप्र वक्फ बोर्ड

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