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इंदौर : पीडि़तों के परिजनों का भागीरथी हंगामा

December 30, 2025

अधिकारियों को खरी-खोटी परोसी…नेताओं को हकाला
इंदौर। भागीरथपुरा (Bhagirathpura) में दूषित पानी (contaminated water) से कई लोगों के बीमार होने की घटना के बाद नगर निगम (Municipal council) का अमला हरकत में आया और पूरे क्षेत्र में पानी के टैंकरों (Tankers) से पानी सप्लाय किया गया। महापौर, कमिश्नर, क्षेत्रीय पार्षद और कई अफसर जब भागीरथपुरा की गलियों में रहवासियों से मिलने पहुंचे तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सभी को खरी-खोटी सुनाई और पूछा कि 15 दिनों से पूरे क्षेत्र में गंदा पानी आ रहा है, शिकायत करने के बाद कार्रवाई नहीं हुई और अब हादसा हो गया तो आप लोग क्यों आए हैं? अफसरों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों के सवाल पर सवाल व्यवस्था की पोल खोल रहे थे। भागीरथपुरा की हर गली में लोगों ने महापौर और कमिश्नर पर सवाल दागे और यहां तक कहा कि पार्षद को भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आज सुबह नगर निगम के सारे झोनल अधिकारी, नर्मदा प्रोजेक्ट का पूरा अमला और साथ ही ड्रेनेज विभाग के सारे अफसर और अन्य अफसरों का भारी-भरकम अमला भागीरथपुरा पुलिस चौकी के पास बनी पानी की टंकी पर जा पहुंचा। वहां से पानी के बड़े पैमाने पर कई सैम्पल लिए गए। इसके बाद मौके पर पहुंचे महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कमिश्नर दिलीपकुमार यादव, अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, नरेंद्र पांडे, जलकार्य समिति प्रभारी बबलू शर्मा, नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव और क्षेत्रीय पार्षद कमल वाघेला के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोग भागीरथपुरा की अलग-अलग गलियों में निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण करने के दौरान अफसरों ने क्षेत्रीय रहवासियों से बातचीत शुरू की तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और वे कहने लगे कि पिछले 15 दिनों से पूरे भागीरथपुरा क्षेत्र में नलों में गंदा पानी आ रहा है। क्षेत्रीय पार्षद से लेकर झोनल अधिकारी तक को मामले की शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और लगातार गंदा पानी नल उगलते रहे। कल रात कई लोग एक साथ अचानक बीमार हो गए।


दिन-रात में 164 सैम्पल लिए, 55 अभी भी अस्पताल में
भागीरथपुरा में गंदे पानी से 150 से ज्यादा लोगों के बीमार हो जाने के बाद इंदौर नगर निगम द्वारा सारे शहर के इंजीनियर और अधिकारी इसी क्षेत्र में लगा दिए गए हैं। निगम ने कल रात से आज सुबह तक इस क्षेत्र में स्थित सभी 1165 घरों पर दस्तक देकर हर घर से पानी के नमूने ले लिए। दूषित पानी से बड़ी संख्या में लोगों के बीमार हो जाने के कारण हडक़ंप मच गया। कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि कल रात से लेकर आज सुबह तक भागीरथपुरा के सभी 1165 घरों से नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। आज सुबह की स्थिति में विभिन्न अस्पतालों में 55 नागरिक उपचार के लिए भर्ती थे। इनमें से तीन नागरिक आईसीयू में हैं।

भागीरथपुरा में दो लोगों की मौत में जहरीले पानी की आशंका
भागीरथपुरा में गंदे पानी से लोगों के बीमार होने की घटना के बीच दो लोगों की मौत हो जाने की जानकारी सामने आई है। वर्मा अस्पताल में गंदे पानी के कारण बीमार होकर तीन दिन पहले उपचार के लिए भर्ती नंदलाल पाल (70) की आज सुबह 7 बजे मृत्यु हो गई। इस घटनाक्रम की प्रशासन के स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है। इसके साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि सीमा प्रजापति नामक महिला को भी गंदे पानी से बीमार होने के कारण अस्पताल ले जाया जा रहा था और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस बारे में कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि नंदलाल पाल की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है, जबकि महिला की मौत के मामले में यह जानकारी सामने आई है कि वह पिछले एक-डेढ़ साल से बीमार चल रही थी।

हर गली में लोगों का गुस्सा और तेवर देख नेता और अफसर भी हैरत में पड़े
भागीरथपुरा क्षेत्र में दर्जनों छोटी-बड़ी गलियां हैं, जिनमें महापौर भार्गव, कमिश्नर यादव सहित पूरा अमला घूमता रहा, लेकिन हर जगह लोग गंदे पानी की समस्या और ड्रेनेज लाइनों के मामलों की शिकायतें करते रहे। कई लोगों ने तो यह तक कह दिया कि जब घटना हो गई तो अब पूरा अमला खानापूर्ति करने आया है। कुछ अफसरों को परिवार के लोगों ने ऐसी खरी-खोटी सुनाई कि पूरा अमला अन्य गलियों में धीरे-धीरे कर रवाना हो गया। हर जगह लोग गंदे पानी की समस्या को लेकर शिकायत कर रहे थे और साथ ही कह रहे थे कि कई बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई आखिर क्यों नहीं होती?

महिलाओं का गुस्सा इतना था कि अफसर जवाब नहीं दे पाए
भागीरथपुरा की कई तंग गलियों में अफसर जब पैदल पूरे क्षेत्र की स्थिति देखने निकले तो कई जगह महिलाओं ने महापौर और कमिश्नर के सामने सीधे सवाल किए और पूछा कि इतने दिनों से शिकायत कर रहे थे, कार्रवाई नहीं हुई और अब हादसा होने के बाद पूरा फौजपाटा मैदान में आ गया है। एक वृद्धा बोली कि पहले ही सुध ले लेते तो यह स्थिति नहीं बनती।

आधे घंटे नल आते हैं और 15 से 20 मिनट तक नल गंदा पानी उगलते हैं
कई महिलाओं का कहना था कि भागीरथपुरा की गलियों में ड्रेनेज की समस्या के साथ-साथ गंदे पानी की समस्या काफी समय से है और इसको लेकर दर्जनों बार वे शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ जगह सडक़ें खोदकर लाइनें चेक की जाती हैं और फिर वही स्थिति बन जाती है। कई घरों में यह हालत है कि आधे घंटे में से 15 से 20 मिनट तक नलों में गंदा और बदबूदार पानी आता है, जिससे भागीरथपुरा की दर्जनों कालोनियों के लोग परेशान हैं।

अब ऐसे जागे… कि एक गाड़ी भरकर पानी के सैम्पल इकट्ठे कर लिए
नगर निगम, नर्मदा प्रोजेक्ट की टीम भागीरथपुरा की अलग-अलग गलियों में सुबह से ही सक्रिय हो गई थी। पानी की टंकी से लेकर क्षेत्र के कई स्थानों पर पानी के सैम्पल लिए जाते रहे। हर गली से पानी के इतने सैम्पल लिए कि एक गाड़ी में पानी के सैम्पलों की बोतलें भर गईं। अफसरों के मुताबिक अलग-अलग लैब में पानी के नमूनों की जांच कराई जाएगी।

कमिश्नर को महिला ने बोला- मेरे घर चलकर देखो, बच्ची बीमार पड़़ी है
भागीरथपुरा क्षेत्र में जब नगर निगम के आला अधिकारियों के साथ महापौर, कमिश्नर लोगों से बातचीत कर रहे थे, इसी दौरान कमिश्नर दिलीपकुमार यादव के पास वहां रहने वाली महिला सीमा दीपक ठाकुर पहुंची और बताया कि उसकी बेटी पांच-छह दिनों से उल्टी-दस्त के क ारण गंभीर हालत में है। उसके शरीर में पानी की कमी हो गई है और उसे आर्थिक स्थिति के चलते बड़े अस्पताल में हम नहीं ले जा पाए हैं। इस पर निगमायुक्त सहित सभी अधिकारी सकते में आ गए और तत्काल महिला से जानकारी ली और कमिश्नर ने चिकित्सा वाहन बुलाकर महिला की पुत्री आयुषी को हास्पिटल में भर्ती कराने के निर्देश दिए।

अमले को देख वृद्ध बोले… देखो यह बिजली का खंभा कितना खतरनाक और तिरछा हो गया, हादसा होगा तो फिर हटेगा
भागीरथपुरा की गलियों में ड्रेनेज लाइनों और गंदे पानी की सर्वाधिक शिकायतें मेयर और कमिश्नर को रहवासियों ने की थीं और जब अमला वहां से गुजर रहा था तो रास्ते में खड़े एक बुजुर्ग ने कहा कि यह देखो बिजली का खंभा पूरा तिरछा हो रहा है। शिकायतों के बाद भी नहीं हटा रहे हैं। अब इससे हादसा होगा तभी हटाने टीम आएगी। करीब डेढ़ से दो घंटे तक सारे अफसरों के साथ महापौर और कमिश्नर भागीरथपुरा की गली-गली में घूमते रहे और लगभग हर गली में उन्हें लोगों के विरोध और गुस्से का सामना करना पड़ा।

भागीरथपुरा में घर-घर पानी को टटोला
सभी नागरिकों की स्थिति बेहतर है और वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। इसके साथ ही इंदौर नगर निगम के आयुक्त दिलीपकुमार यादव द्वारा शहर के सभी 22 जोनल कार्यालयों में तैनात सभी सहायक यंत्री, उपयंत्री और सीएसआई को भागीरथपुरा में लगा दिया गया है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की भागीरथपुरा में 33 बीट हैं। इनमें से हर बीट में अलग-अलग जोनल कार्यालय के अधिकारियों को लगाया गया है। निगम आयुक्त ने आज सुबह जब लोगों के घरों पर नल से पानी आ रहा था, तब उनके घरों के अंदर जाकर पानी की स्थिति को देखा। निगम द्वारा अपनी गाडिय़ों के अनाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से पूरे क्षेत्र में यह अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि कोई भी नागरिक नर्मदा अथवा बोरिंग का पानी उबालकर ही उपयोग में लें।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच शुरू
कलेक्टर के निर्देश पर राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कल रात से ही इस क्षेत्र में एक टीम लगा दी गई है। इस टीम द्वारा इस घटना की जांच का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर का कहना है कि आज शाम तक यह टीम अपनी जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट दे देगी। इसके साथ ही भागीरथपुरा क्षेत्र में चिकित्सकों का दल भी रात से ही लगा दिया गया है। वहां पर चलने वाले संजीवनी क्लिनिक को भी पूरे समय संचालित किया जा रहा है।

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