
इंदौर. इंदौर (Indore) अंगदान (organ donation) में भी देश में आगे है। 65 वीं बार सोमवार को इंदौर में ग्रीन काॅरिडोर (65th green corridor) बनने की संभावना है। उज्जैन (Ujjain) निवासी महिला वकील (woman lawyer) अभिजीता राठौर (Abhijita Rathore) की ब्रेनडेथ के बाद उनके परिजनों ने अंगदान की इच्छा जताई। अभिजीता मृत्यु के बाद भी तीन लोगों की जान बचाएगी। उनका लीवर सीएचएल अस्पताल और एक किडनी जुपिटर अस्पताल और दूसरी चोइथराम अस्पताल में भर्ती मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित की जाएगी। दूसरे अंगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी किया गया है। यदि किसी अन्य अस्पताल से डिमांड आती है तो फिर हेलीकाॅप्टर से अंगों को दूसरे शहरों तक ले जाया जाएगा।
फिलहाल सुबह 11 बजे इंदौर में तीनों अस्पतालों के बीच ग्रीन काॅरिडोर बनने की संभावना है। इंदौर में दो माह पहले ही अंगदान हुआ था। अब तक 64 बार इंदौर में ग्रीन काॅरिडोर बन चुके है और कई लोगों की जिंदगी अंगदान के कारण बची है। पांच साल पहले इंदौर में पहली बार अगंदान शुरू हुआ था। इसके बाद लोगों में भी जागरुकता आई और जिन परिवारों के किसी सदस्य की मौत ब्रेनडेथ से होती है। उनके परिजन अंगदान के लिए इंदौर के मुस्कान ग्रुप से संपर्क करते है।
ब्रेनडेथ के बाद शरीर के अंग काम करते है और वे दूसरे जरुरतमंद रोगियों को जीवन दे जाते है। सामान्य मृत्यु के बाद भी इंदौर में अंगदान के मामले बढ़े है,क्योकि प्रदेश सरकार ने अंगदान करने वालों को राजकीय सम्मान से अंत्येष्टी का फैसला लिया है। इंदौर में चार अंगदानियों की अंत्येष्टी राजकीय सम्मान के साथ हो चुकी है।
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