
इंदौर। शहर (Indore) का दिल कही जाने वाली सराफा चौपाटी (Sarafa Chowpatty) में एक बार फिर अपना पुराना वैभव लौट आया। कल रात सराफा का नजारा ‘ओल्ड इज गोल्ड’ (‘Old is Gold’) वाली कहावत से साकार हो रहा था। लंबे समय से मोमोज (momos) और चायनीज (Chinese) फूड के कब्जे में अपनी पहचान खोती जा रही यह चौपाटी अब पुन: इंदौरी स्वादों की खुशबू से महक उठी है।

मन की बात व्यापारियों के साथ
हटाए लोगों का भी ख्याल करे प्रशासन
पारंपरिक खाद्य पदार्थों की दुकान लगाने की अनुमति के बाद सराफा चौपाटी पर हमारा व्यापार जरूर बढ़ा है, मगर निगम प्रशासन को सराफा चौपाटी से बाहर किए गए दुकानदारों को भी व्यापार करने के लिए उचित स्थान देना चाहिए।
बाबा कोकोनट क्रस के संचालक
मालवी व्यंजन फास्ट फूड को पछड़ाते हैं
पारंपरिक व्यंजनों की अपनी एक अलग ही पहचान है। आप चाहे कितने भी चायनीज, फास्ट फूड या मोमोज की दुकानें लगा लो, मालवी व्यंजनों को कभी पछाड़ नहीं सकते।
नटवरलाल नेमा (नेमा कुल्फी भंडार)
सराफा आना हुआ सुलभ
परंपरागत व्यंजनों से सराफा अब अपने पुराने वैभव को प्राप्त करेगा। मालवी व्यंजनों के चाहने वालों की भीड़ से निश्चित तौर पर व्यापार को गति मिलेगी।
सांवरिया चाट संचालक
पारंपरिक व्यंजनों से संतुष्टि
पुरखों के लगाए व्यापार को बड़ी ही जिम्मेदारी से संभाल रहे कुल्फी व्यापारी ने बताया कि पहले सराफा चौपाटी में चायनीज फूड और मोमोज ने इस कदर कब्जा जमा लिया था कि ग्राहक पारंपरिक व्यंजनों तक तो पहुंच ही नहीं पाता था। फास्ट फूड से ही अपना पेट भरकर चला जाता था, मगर अब ग्राहक पारंपरिक व्यंजनों का आनंद ले रहा है और हम उन्हें देख संतुष्ट हैं।
मुकेश अग्रवाल, अग्रवाल आइसक्रीम भंडार
प्रशासन की मुस्तैदी से दुकान में लगी आग तुरंत बुझी…
कल सराफा बाजार में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद खड़े निगमायुक्त दिलीपकुमार यादव और सराफा टीआई आरके लिटोरिया को जैसे ही सूचना मिली कि सराफा की एक बिल्डिंग में स्थित दुकान से धुआं निकल रहा है तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को तुरंत फायर उपकरण लाने के लिए कहा। निगमकर्मियों ने शटर का ताला तोडक़र दुकान में आग को शांत किया।
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