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अंर्तरार्ष्‍टीय योग दिवस: शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य रखना है तो इन योगासन को जरूर करें

December 03, 2020

दोस्‍तों आज के इस आधुनिक वातावरण में कोरोना वायरस व वायु प्रदुषण ने मानव जीवन पर भयंकर आतंक मचाकर रखा है । पूरे विश्‍व कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है । ऐसे वातावरण में स्‍वस्‍थ्‍य रहना एक कठिन चुनौती जैसा हो गया है। क्‍या आप जानतें हैं कि आपको सिर्फ कोरोना वायरस सक्रमण से ही नही बल्कि और कई प्रकार की बीमारियों से बचा सकता है योगा । क्‍या आप जानतें हैं योगासन करने के स्‍वस्‍थ्‍य संबधी फायदों के बारें में अगर नही तो हम आज आपको योगा के फायदें के बारें में बताएंगें । महामारी के दौर में सिर्फ फिजिकली ही नहीं मेंटली हेल्दी रहना भी बेहद जरूरी है जो योग के माध्यम से बिल्कुल संभव है। यहां तक कि दिव्यांग व्यक्ति भी अगर आराम से कुछ योगाभ्यास करें तो उन्हें इसका काफी फायदा मिल सकता है।

दोस्‍तों योगासन कई प्रकार के होतें हैं व उनको करनें की भी अलग-अलग विधि होती है आज हम इस खबर में पांच योगासन के बारें बताएंगें व उनके फायदें भी तो आइये जानतें हैं इन योगासन के बारें में –

प्रणामासन (Prayer Pose)

इस आसन को आप अपनी सुविधानुसार खड़े होकर या बैठकर किसी भी तरह से कर सकते हैं। इसमें अपने दोनों हथेलियों को आपस में नमस्कार की मुद्रा में लाएं चेस्ट के बिल्कुल सामने। कंधों को बहुत ज्यादा टाइट न रखें बिल्कुल ढीला छोड़ दें। कोहनियों को पसलियों के पास रखें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। तनाव, चिंता दूर करने के साथ ही ये सरल आसन ध्यान बढ़ाता है और दिमाग को शात करता है।

तितलीआसन (Butterfly Pose)

इस आसनको करने के लिए मैट पर घुटनों को मोड़कर ऐसे बैठना है जिससे पैर के पंजे एक-दूसरे को टच करें। हाथों से पैर के पंजों को अच्छी तरह पकड़ लें। पीठ बिल्कुल सीधी रखें। अब धीरे-धीरे अपनी जांघो को ऊपर की ओर उठाएं। जांघ को उठाने की अवस्था, उड़ती हुई तितली के पंखों के समान लगने चाहिए। सांस नॉर्मल लें और छोड़ें। ये आसन आपके जांघो, ग्राइन और घुटनों की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है। पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है।

बालासन (Child Pose)

आराम से बैठ जाएं। दोनों टखनों और एड़ियों को आपस में जोड़े। अब धीरे-धीरे घुटनों को बाहर की तरफ फैलाएं। गहरी सांस लेते हुए आगे की तरफ झुकें। हाथों को सामने की तरफ लाएं और उन्हें अपने सामने रख लें। आपके कंधों का खिंचाव शोल्डर से पीठ में महसूस होना चाहिए। अपनी क्षमतानुसार इस स्थिति में बने रहें। धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं। इस आसन से पीठ, जांघ, हिप्स और एंकल की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है जिससे बैक पैन दूर होता है, डाइजेशन सुधरता है और दिमाग शांत रहता है।

विपरीतकर्णी (Leg up wall pose)

विपरीतकर्णा आसन के लिए मैट पर आराम से लेट जाएं। हाथों को जांघों के पास रखें। धीरे-धीरे पैरों को ऊपर की ओर उठाएं और हाथों को कमर पर रखें जिससे सपोर्ट मिलें। पैरों के पंजे आपकी आंखों के सीध में होने चाहिए। अपनी क्षमतानुसार इस पोजिशन में रखें फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं। ये आसन अनिद्र, बैचेनी दूर करता है साथ ही बालों और स्किन के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

मार्जरीआसन (Seated cat and cow pose)

घुटनों के सहारे बैठकर हाथों को कंधों की सीध में मैट पर टिकाएं। गहरी सांस लेते हुए पीठ को नीचे की ओर धकेलें और हिप्स के साथ सिर को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर की उठाएं और सिर को नीचे करते हुए अपनी नाभि को देखने की कोशिश करें। ये आसन गर्दन, शोल्डर, चेस्ट और लोअर बैक में हर तरह के दर्द और तकलीफ को दूर करता है। स्पाइन को फ्लेसिबल बनाता है।

 

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