
नई दिल्ली: प्रसिद्ध उर्दू कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार (17 फरवरी) को यह घोषणा की है. गुलजार हिंदी सिनेमा में अपने कार्य के लिए पहचाने जाते हैं और वर्तमान समय के बेहतरीन उर्दू कवियों में शुमार हैं. इससे पहले उन्हें उर्दू में अपने कार्य के लिए 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं.
चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक गुरु, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं. ज्ञानपीठ चयन समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘यह पुरस्कार (2023 के लिए) दो भाषाओं के प्रतिष्ठित लेखकों को देने का निर्णय लिया गया है. संस्कृत साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार गुलजार का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है.’’ वर्ष 2022 के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार गोवा के लेखक दामोदर मावजो को दिया गया.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य को साल 2015 में दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्म विभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया था. 22 भाषाओं में पारंगत रामभद्राचार्य एक बहुमुखी कवि और लेखक हैं, जो संस्कृत, हिंदी, अवधी और मैथिली सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में पारंगत हैं.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved