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ISI ने कर ली इमरान खान से डील! पाकिस्तान में नवाज शरीफ नहीं बनाएंगे सरकार, रिपोर्ट का दावा

नई दिल्ली: पाकिस्तान चुनाव (Pakistan Election) संपन्न हो जाने के बाद भी प्रधानमंत्री कौन होगा यह तय नहीं हो पा रहा है. अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) चीफ नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) केंद्र में सरकार (Government) बनाएंगे. प्लान के मुताबिक नवाज और शहबाज शरीफ के बीच गठबंधन वाली सरकार को लेकर विचार विमर्श हुआ है. दोनों नेता गठबंधन वाली सरकार की प्लानिंग के साथ सरकार बनाने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है. इसमें बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI ने सरकार गिराने और बनाने में बड़ी भूमिका निभायी है.

चुनाव के बाद नवाज शरीफ ने दी थी जिम्मेदारी
दरअसल पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव के लिए वोटिंग के एक दिन बाद यानी 9 फरवरी को नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को सरकार बनाने के लिए प्लानिंग बनाने का‌ काम सौंपा था. उन्होंने शहबाज शरीफ को निर्देश दिया था कि वे गठबंधन वाली सरकार बनाने के लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट- पाकिस्तान और जमात-उल-इस्लामी (फजल) के साथ बैठकें करें और सरकार बनाने की प्लानिंग करें.


‘पीटीआई को पाकिस्तान सेना की वजह से हार का सामना करना पड़ा’
दरअसल हाल ही में जमात-उल-इस्लामी (फजल) के अमीर फजल-उर-रहमान ने पाकिस्तानी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि PTI को पाकिस्तान सेना के कारण चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तानी सेना ने ही मुझे और नवाज शरीफ से नेशनल असेंबली में विपक्ष में बैठने को कहा है. अमीर फजल-उर-रहमान के इस इंटरव्यू के बाद नवाज को लगा कि चुनाव में बड़ी संख्या में जीत के बाद भी केंद्र में गठबंधन वाली सरकार बनाना ठीक नहीं है. पाकिस्तान में सेना के खिलाफ जाना संभव नहीं है. सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में शहबाज को पीएम पद के लिए नॉमिनेट करने के बावजूद नवाज को अब लग रहा है कि नेशनल असेंबली में विपक्ष में बैठना ही बेहतर है.

आईएसआई ने इमरान के खिलाफ बनाई थी साजिश
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी ISI के नुमाइंदों ने अदियाला जेल में बंद इमरान खान से मुलाकात की. मुलाकात के बाद एक डील हुई, जिसके बाद इमरान ने उमर अयूब खान को अपना पीएम उम्मीदवार नॉमिनेट कर दिया. उमर अयूब पीटीआई के महासचिव भी हैं. दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी मीडिया को दिए गए जेयूआई-एफ के चीफ के इंटरव्यू के बाद पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन के भीतर दरार पैदा हो गई है. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट गठबंधन ने ही अविश्वास प्रस्ताव वोट में इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के बाद सरकार की कमान संभाली थी.

पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने भी दिए थे खास निर्देश
पाकिस्तानी मीडिया में दिए गए इंटरव्यू में जेयूआई-एफ के मुताबिक, ISI के पूर्व चीफ फैज हमीद ने उन्हें इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कहा था. इंटरव्यू में उन्होंने ये भी दावा किया कि तत्कालीन पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने फैज हमीद के साथ मिलकर पाकिस्तान के राजनीतिक दलों को इमरान खान को सत्ता से बाहर करने का निर्देश दिया था. फजल ने कहा कि मैं इसके पक्ष में नहीं था, लेकिन मैंने इसका समर्थन किया क्योंकि अगर में निर्देश के खिलाफ जाता, तो पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट कहता कि मैंने ही इमरान खान को बचाया.

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