नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ई-सिम फिशिंग के जरिए सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले जामताड़ा के गैंग का भंडाफोड़ किया है. जामताड़ा झारखंड का एक छोटा सा गांव है जो ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों का गढ़ माना जाता है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक हाल ही में उन्हें छतरपुर इलाके में रहने हनुष मेहरा की तरफ से शिकायत मिली थी कि उन्हें वोडाफोन कस्टमर केयर के एग्जीक्यूटिव का फोन आया था. एग्जीक्यूटिव ने उनसे ई-सिम को एक्टिवेट करने के लिए कुछ जानकारियां मांगी. लेकिन बाद में किसी ने ई-सिम फिशिंग के जरिए अकाउंट से करीब 7 लाख रुपये निकाल लिए.
शिकायत कर्ता ने बताया कि उनका पेटीएम एकाउंट उनके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से कनेक्टेड था और ई-सिम जनरेट होने के बाद ही उनके एकाउंट से पैसे निकाले गए हैं. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जामताड़ा के इस गैंग का भंडाफोड़ किया और इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
क्या होता है ई-सिम
राजधानी दिल्ली में हाल ही में ई-सिम के जरिए फ्रॉड करने के कई मामले सामने आए हैं. दरअसल दो तरह के सिम कार्ड होते हैं. एक मोबाइल सिम वो जो हम अपने मोबाइल के अंदर खुद डालते हैं. जबकि दूसरा ई सिम जो मोबाइल में पहले से ही इनबिल्ट होता है और उसे सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से एक्टिवेट कराया जाता है. हर कंपनी के ई-सिम प्लान भी अलग अलग होते है. ई-सिम फैसिलिटी कुछ ही ब्रांड के महंगे मोबाइल में उपलब्ध होती है और ई-सिम को लेकर हिंदुस्तान में एयरटेल, वोडाफोन और जिओ ही सर्विस प्रोवाइड कराती है.
कैसे होता है ई-सिम फिशिंग फ्रॉड
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान पता चला कि जामताड़ा का यह गैंग रैंडमली फोन करके पहले उन लोगों का पता लगाता था जिन के मोबाइल में ई-सिम की फैसिलिटी उपलब्ध होती थी और उसके बाद सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बन कर कस्टमर को ई-सिम एक्टिवेट करने के लिए फोन किया जाता था. उस शख्स की सिम एक्टिवेट होने के बाद यह लोग उस ई-सिम का ई-सिम कोड हासिल कर लेते थे और फिर उस वर्चुअल सिम के जरिए मोबाइल को हैक करके उसके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लिए जाते थे.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved