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अफगानिस्तान: बम धमाके से दहला काबुल, अस्पताल के सामने चली गोलियां, 19 लोगों की मौत

डेस्क: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में एक जबरदस्त धमाका हुआ है. जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई है और करीब 50 लोग घायल हुए हैं. बताया जाता है कि यह धमाका एक आत्मघाती हमला था, जो सरदार मोहम्मद दाऊद खान अस्पताल (Sardar Mohammad Daud Khan Hospital) के सामने हुआ.

मौके पर मौजूद सूत्रों का कहना है कि घटना वाली जगह से गोलियों की आवाज भी सुनी गई है. चश्मदीदों ने बताया कि पहले एक जबरदस्त धमाका हुआ, जिसके बाद गोलियों की आवाज सुनाई दी. इसके अलावा विस्फोट की वजह का भी पता नहीं चल पाया है.

राजधानी में हुए धमाके को लेकर तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि काबुल में सरदार मोहम्मद दाऊद खान सैन्य अस्पताल के बाहर नागरिकों को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया. उन्होंने कहा कि अब तक हताहतों की संख्या के बारे में पता नहीं चल पाया है. उन्होंने घटनास्थल पर एक और विस्फोट होने की पुष्टि नहीं की है.

अफगानिस्तान पर अगस्त में कब्जा जमाने के बाद से ही लगातार काबुल में धमाके हो रहे हैं. इनमें से अधिकतर धमाके इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठनों द्वारा अंजाम दिए जा रहे हैं. हालांकि, तालिबान ने कहा है कि वह इस्लामिक स्टेट पर जल्द काबू पा लेगा और देश में शांति स्थापित करेगा. हालांकि युद्धग्रस्त मुल्क के उत्तरी हिस्से में इस्लामिक स्टेट मजबूत हुआ है.


अगस्त में काबुल एयरपोर्ट पर हुआ जबरदस्त धमाका
काबुल में सबसे खतरनाक धमाका अगस्त महीने में एयरपोर्ट पर देखने को मिला था. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही बड़ी संख्या में देश छोड़ने की राह देख रहे लोग काबुल एयरपोर्ट पर जमा थे. 26 अगस्त को हुए इस धमाके में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

हमलों को लेकर रूस के अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले किए गए. लोगों को हवाई मार्ग से देश से बाहर निकालने की 31 अगस्त की समयसीमा के नजदीक आने के बीच पश्चिमी राष्ट्रों ने पहले ही एयरपोर्ट पर संभावित हमले की आशंका जताई थी.

धमाके की पहले ही दी गई थी जानकारी
इस धमाके को इस्लामिक स्टेट ने अंजाम दिया था. कई देशों ने धमाके से पहले अपने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने को कहा था और उनमें से एक ने कहा था कि आत्मघाती बम धमाके की आशंका थी. ब्रिटिश सरकार ने चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर जमा लोगों को निशाना बनाकर ‘आशंकित’ हमले की ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया रिपोर्ट है. हालांकि, इन सबके बाद भी हमलों को रोका नहीं जा सका. हालांकि, हमले के बाद अमेरिका ने तालिबान से कहा था कि वह इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए साथ आ सकता है, मगर तालिबान ने मदद से इनकार किया.

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