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जानिए हनुमान जी को क्यों कहा जाता है संकटमोचन, आपके जीवन में भी कोई संकट है तो इन उपायों से होगा दूर !

डेस्क। मंगलवार का दिन रामभक्त हनुमान को समर्पित है. मान्यता है कि हनुमान जी 11वें रुद्रावतार हैं और अजर-अमर हैं. कहा जाता है कि हनुमान बाबा आज भी धरती पर विचरण करते रहते हैं और जहां भी अखंड रामायण का पाठ श्रद्धापूर्वक किया जाता है, वहां हनुमान जी किसी न किसी रूप में जरूर पहुंचते हैं. इसीलिए उन्हें कलयुग का प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. हनुमान बाबा परम शक्तिशाली हैं इसलिए लोग उन्हें बजरंगबली और महावीर जैसे नामों से भी पुकारते हैं. उनका एक नाम संकटमोचन भी है. ये नाम कैसे पड़ा आइए जानते हैं इसके बारे में.

मान्यता है कि त्रेतायुग में जब भगवान राम पर संकट आए तो हनुमान बाबा पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ उनके सहायक बनकर रहे और बड़े से बड़े संकट को दूर किया. उन्होंने बहादुरी से रावण की लंका में आग लगाई और अपनी स्वामी भक्ति का प्रमाण दिया. लक्ष्मण मूर्छित हुए तो संजीवनी बूटी के नाम पर पूरा पहाड़ ही उठा लाए. सीता को रावण से बचाने के लिए श्रीराम और वानर सेना के साथ मिलकर लंका पर आक्रमण किया. श्रीराम के संकट को दूर करने के कारण उन्हें संकटमोचन का नाम मिला. कहा जाता है कि संसार में ऐसा कोई संकट नहीं है, जिसका समाधान परम शक्तिशाली हनुमान पर न हो. यदि संकट के समय उनका कोई भक्त उन्हें श्रद्धा के साथ याद करे तो वे अपने भक्त की मदद के लिए जरूर पहुंचते हैं. यदि आपके जीवन में भी कोई समस्या चल रही है तो आप हनुमान जी की सच्ची भक्ति करके उनसे प्रार्थना करें. वे आपके हर संकट को दूर करेंगे.


मंगलवार के दिन ये उपाय कराएंगे बेड़ा पार
1. हनुमान बाबा को चोला बहुत पसंद है. चोला उनकी रामभक्ति का प्रतीक है. यदि आप मंगलवार के दिन उन्हें चोला चढ़ाएं तो वे अति प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
2. कहा जाता है कि यदि आप हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें तो आपका जीवन बहुत आसान हो सकता है क्योंकि संकट मोचन आपके सभी संकट हर लेते हैं. यदि रोज नहीं तो मंगलवार और शनिवार के दिन जरूर करें.
3. मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना तो अति उत्तम माना जाता है. इसमें हनुमान जी की लंका में माता सीता से भेंट का प्रसंग है.
4. मंगलवार के दिन हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक रखें और वानरों को गुड़ चना खिलाएं. वानरों को हनुमान जी की सेना कहा जाता है.
5. मंगलवार को शाम के समय ऐसे मंदिर में जाएं जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की मूर्ति हो. वहां घी के दीपक जलाएं और पहले श्रीराम रक्षा स्त्रोत फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें.

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