
इन्दौर। देवगुराडिय़ा और उसके आसपास के गांव जामुनिया, रादरा मुंडला और आसपास में पिछले चार-पांच दिनों से तेंदुए की मौजूदगी के कारण रहवासी दहशत में थे। दो दिन पहले तेंदुए ने क्षेत्र में बकरा-बकरी को शिकार बनाया था और कई लोगों ने तेंदुए को देखा। इस खबर के बाद वन विभाग का अमला अलर्ट हो गया और देवगुराडिय़ा के पीछे पहाड़ी पर बने फार्म हाउस में पिंजरा लगाया गया। पिंजरे में रखे बकरे का शिकार करने के लालच में तेंदुआ आज सुबह फंस गया। वन विभाग की टीम तेंदुए को लेकर प्राणी संग्रहालय पहुंची।
इससे पहले चोखी ढाणी क्षेत्र में आईआईटी और उसके आसपास के क्षेत्र में तेंदुआ देखे जाने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने कई दिनों तक वहां पिंजरा लगाया, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया। आईआईटी परिसर के कर्मचारियों ने भी इस मामले की शिकायत वन विभाग के अफसरों को की थी और तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि भी हुई थी, लेकिन वहां से तेंदुआ आसपास के क्षेत्रों में निकल गया। इसी बीच पिछले एक सप्ताह से देवगुराडिय़ा और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुआ देखे जाने की सूचनाएं वन विभाग के अधिकारियों को मिल रही थीं। इसके चलते अधिकारियों ने वहां लोगों से बातचीत की और उसके बाद पहाड़ी पर बने एक फार्म हाउस पर पिंजरा लगाया गया। वन विभाग के डिप्टी रेंजर और रेस्क्यू प्रभारी राजाराम कल्याणे के मुताबिक कल रात लगाए गए पिंजरे में बकरा बांधा गया और आज तड़के 3.30 बजे के लगभग तेंदुआ वहां पहुंचा और बकरे के शिकार के लालच में पिंजरे में फंस गया। कुछ लोगों ने मामले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी तो वे मौके पर पहुंचे। बड़े वाहनों में पिंजरा रखकर प्राणी संग्रहालय लाया गया। उक्त तेंदुए ने पिछले चार-पांच दिनों से क्षेत्र में बकरा-बकरियों से लेकर कई अन्य वन्य प्राणियों पर हमले भी किए थे। जू के प्रभारी अधिकारी डॉ. उत्तम यादव के मुताबिक तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और उसे कुछ दिन रखने के बाद वन विभाग को फिर से जंगल में छोडऩे को कहा जाएगा, क्योंकि पहले से ही वन विभाग द्वारा पकड़े गए कई तेंदुए प्राणी संग्रहालय में रखे गए हैं।
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