
नई दिल्ली । ज्योतिषीय मान्यताओं के आधार पर वर्ष 2025 का सितंबर महीना अत्यंत खास(very special) रहने वाला है। इस महीने में जहां कई प्रमुख व्रत, त्योहार मनाए(celebrate festivals) जाने वाले हैं, तो वहीं एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना (Astronomical phenomenon)भी घटित होने वाली है। सितंबर में इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इसे “ब्लड मून” कहा जाएगा क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए नजर आएगा। ऐसे में आइए जानते हैं इस ग्रहण से जुड़े समय, सूतक काल और दृश्यता से जुड़ी जानकारी।
चंद्र ग्रहण 2025 तिथि और समय
हिंदू पंचांग और खगोल विज्ञान की गणनाओं के अनुसार चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025, रविवार की रात को लगेगा। यह ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और 8 सितंबर की तड़के 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। कुल मिलाकर यह ग्रहण लगभग 3 घंटे 24 मिनट तक रहेगा।
सूतक काल कब से होगा शुरू?
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण से जुड़ा सूतक काल अत्यधिक महत्व रखता है। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। इस दृष्टि से 7 सितंबर 2025 का सूतक काल दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर रात में ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा। इस दौरान धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ और शुभ गतिविधियों से बचने की परंपरा है।
क्या भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?
इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देने वाला है। ऐसे में इसका सूतक काल भी भारत में मान्य होगा। इस कारण से मंदिरों के द्वार निर्धारित समय से पहले बंद कर दिए जाएंगे और धार्मिक आयोजन भी सूतक काल खत्म होने पर ही किए जाएंगे।
कहां कहा दिखेगा चंद्र ग्रहण?
भारत के अलावा यह ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में देखाई देने वाला है। एशिया के अधिकांश देश जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के कुछ क्षेत्रों में, फिजी द्वीप समूह और अंटार्कटिका के कुछ भागों में यह खगोलीय घटना देखने को मिलेगी।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए हम उत्तरदायी नहीं है।
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