
मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा में जान देने वाली डॉक्टर (Doctor) ने चार पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है। इस सुसाइड नोट में उसने एक पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाया है। इसके मुताबिक यह पुलिस अधिकारी पुलिस केस में दोषियों के झूठे फिटनेस सर्टिफिकेट (fitness certificate) जारी करने का दबाव बनाता था। ऐसा न करने पर उसका शोषण किया जाता था। इतना ही नहीं, महिला डॉक्टर ने एक सांसद और उसके दो सहयोगियों द्वारा भी दबाव बनाने की बात सुसाइड लेटर में लिखी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सतारा में महिला डॉक्टर ने अपने हाथ पर दो व्यक्तियों के नाम लिखकर सुसाइड कर लिया। इनमें से एक पुलिस उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले के दूसरे आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है। यह महिला चिकित्सक फलटण उप जिला अस्पताल में तैनात थी। इस घटना से चिकित्सा विभाग में काफी रोष है ।
किस तरह का बनाते थे दबाव?
चार पेज के सुसाइड लेटर में महिला डॉक्टर ने अपने ऊपर पड़ने वाले दबाव को बयान किया है। एनडीटीवी के मुताबिक डॉक्टर ने लेटर में लिखा है कि पुलिस अधिकारी आरोपियों के फेक फिटनेस सर्टिफिकेट का दबाव बनाते थे। इनमें से कई को तो मेडिकल परीक्षण के लिए लाया भी नहीं जाता था। जब वह इससे इनकार कर देती थी तब पुलिस उप निरीक्षक गोपाल बदने उसका शोषण करते थे।
ऐसे ही एक वाकये का जिक्र महिला डॉक्टर ने अपने सुसाइड लेटर में किया है। एनडीटीवी के मुताबिक इस में उसने लिखा है कि एक बार उसने सर्टिफिकेट जारी करने से मना कर दिया। तब एक सांसद के दो निजी सहायक अस्पताल तक आ गए थे। उन लोगों ने सांसद को फोन मिलाकर उनसे बात कराया। सुसाइड लेटर के मुताबिक इसके बाद सांसद ने अप्रत्यक्ष रूप से डॉक्टर को धमकी दी थी। अपने सुसाइड लेटर में डॉक्टर ने मकान मालिक प्रशांत बैंकर के शोषण का भी जिक्र किया है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
अब इस मामले ने सियासी रंग लेना भी शुरू कर दिया। कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा तो लोग कहां जाएंगे। उन्होंने लिखा कि पुलिस का काम लोगों की रक्षा करना है। वहीं, भाजपा ने मामले में गहराई से जांच का आश्वासन दिया है।
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