
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर पुलिस(Jammu and Kashmir Police) ने बुधवार को अलगाववादी(separatist) एवं आतंकी नेटवर्क(terrorist network) के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई(major action) की है। पुलिस ने बडगाम जिले के हैदरपुरा स्थित प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के मुख्यालय को कुर्क कर लिया। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने 2004 में इस संगठन की स्थापना की थी। यह संगठन कथित तौर पर वर्षों तक कश्मीर में खासकर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों का केंद्र रहा है। गिलानी की 2021 में मौत हो गयी थी।
राज्य पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि हैदरपुरा स्थित रहमताबाद कार्यालय को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 25 के अंतर्गत कुर्क किया गया है। कुर्क की गयी संपत्ति में 1 कनाल 1 मरला भूमि (खसरा संख्या 946, खाता संख्या 306) पर एक तीन मंजिला इमारत शामिल है जिसका उपयोग प्रतिबंधित संगठन के कार्यालय के रूप में किया जा रहा था। यह कार्रवाई यूएपीए के अंतर्गत बडगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 08/2024 से जुड़ी हुई है।
आगे भी ऐसी कार्रवाई के संकेत
पुलिस के मुताबिक, एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर और सक्षम प्राधिकारी से उचित अनुमोदन के बाद कानूनी प्रावधानों के अनुसार संपत्ति कुर्क की गई है। पुलिस ने कहा, “यह कार्रवाई गैरकानूनी एवं विध्वंसक गतिविधियों के खिलाफ जारी जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरों को बेअसर करने और क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए बडगाम पुलिस के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।” पुलिस अधिकारी ने कहा कि बडगाम पुलिस आगे भी अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाती रहेगी।
2023 में केंद्र सरकार ने लगाया था बैन
बता दें कि तहरीक-ए-हुर्रियत को 2023 में केंद्र सरकार ने एक गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया था और उसे प्रतिबंधित कर दिया गया था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के घटक दल पीपुल्स कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रॉक्सी उम्मीदवारों के माध्यम से चुनावों में भाग लेने पर जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर की चुप्पी की वजह से गिलानी 2002 में उससे अलग हो गए थे। उसके बाद 2004 में अपना अलग संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर बनाया था। इस कारण हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में विभाजन हो गया था।
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