
हिंदू धर्म में सावन सोमवार का विशेष महत्व लेकिन इसके साथ ही सावन मास का मंगलवार भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस मास के प्रत्येक मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) रखा जाता है और माता पार्वती की पूजा की जाती है। आज 27 जुलाई दिन मंगलवार को पहला मंगला गौरी व्रत है। कहा जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याएं खत्म होती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
धार्मिक मान्यता है कि मंगला गौरी के दिन मां मंगला गौरी यानी माता पार्वती (Mother Parvati) की विधि पूर्वक व्रत रखने व पूजा करने का विधान है। आज के दिन महिलायें अखंड सौभाग्य की कामना से व्रत रख कर मां मंगला गौरी की पूजा करती हैं और मां महागौरी के मंत्र का जप उसके बाद मंगला गौरी की आरती करती है। मान्यता है कि इसके बिना पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती।
मंगलागौरी व्रत की महिमा
मान्यता है कि यह व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। पति को दीर्घायु मिलती है। नव विवाहिता यह व्रत रखे तो पूरा वैवाहिक जीवन अच्छे से गुजरता है। जिन युवतियों को पसंदीदा पति नहीं मिल रहा है, उनको भी मंगला गौरी व्रत रखना चाहिए। कहा जाता है कि सावन में ही माता पार्वती की तपस्या से महादेव ने खुश होकर उनसे विवाह के लिए हामी भरी थी। यह व्रत शुरू करने के बाद कम से कम पांच साल रखा जाता है। हर साल सावन में 4 या 5 मंगलवार व्रत होते हैं। आखिरी व्रत वाले दिन उद्यापन कर देना चाहिए।
मंगला गौरी आरती {Mangala Gauri Vrat 2021}
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता, ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता, जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है, साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी।।।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी।।।।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता, सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी।।।।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए, नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी।।।।
देवन अरज करत हम चित को लाता, गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी।।।।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता, सदा सुख संपति पाता। जय मंगला गौरी ।।।।।
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