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दूध, पनीर से रोटी तक अब ‘0’ GST, लिस्ट में और भी सामान, अगले हफ्ते बड़ा फैसला!

August 28, 2025

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से जीएसटी रिफॉर्म (GST Reform) का ऐलान किया था और कहा था कि ये सुधार दिवाली से पहले लागू हो सकते हैं. अब जीएसटी काउंसिल की बैठक अगले हफ्ते होने वाली है और उससे पहले GST स्लैब में बदलाव को लेकर बड़ा अपडेट आया है.

इसके मुताबिक, बैठक में जीरो जीएसटी स्लैब के दायरे में सरकार इजाफा कर सकती है और कई रोजमर्रा के जरूरी सामानों को इसमें शामिल कर सकती है, जो अभी तक 5% और 18% जीएसटी के दायरे में आते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन सामानों में प्रमुख तौर पर फूड प्रोडक्ट शामिल होंगे, जिनमें यूएचटी दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड और रोटी को Zero GST स्लैब में लाया जा सकता है.


18% नहीं, अब पराठे पर भी नो जीएसटी!
रिपोर्ट के मुताबिक, लिस्ट में और भी कई सामान शामिल हैं, जिन्हें जीरो स्लैब में लाने की तैयारी है. रेडी टू ईट रोटी के साथ ही पराठा भी शामिल किया जा सकता है, जिस पर अब तक 18% जीएसटी लागू होता है. लेकिन सरकार की तैयारी इसकी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रियों के समूह के प्रस्तावों के अनुसार शून्य दर के अंतर्गत लाया जाएगा. फूड प्रोडक्ट के साथ ही एजुकेशन से जुड़े सामान भी सस्ते हो सकते हैं और इन पर भी वर्तमान में लागू जीएसटी को घटाकर जीरो किया जा सकता है.

शिक्षा से जुड़े सामान भी आएंगे दायरे में
शिक्षा से जुड़ी तमाम चीजों को भी जीएसटी से मुक्त करने की तैयारी है. रिपोर्ट की मानें, तो काउंसिल की बैठक में मानचित्र, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, दीवार मानचित्रों, ग्लोब, मुद्रित शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर के साथ ही प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैबोरेटरी नोटबुक को जीएसटी से छूट दिए जाने की संभावना है, जिनपर फिलहाल 12% की दर से टैक्स लागू है.

हैंडलूम प्रोडक्ट पर जारी रह सकती है छूट
नई चीजों को जीरो स्लैब में शामिल करने के साथ ही जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने ये सिफारिश भी की है कि हैंडलूम प्रोडक्ट्स और कच्चे रेशम पर जीएसटी छूट जारी रहनी चाहिए, जो देश में इस सेक्टर से जुड़े कारीगरों और छोटे बुनकरों के लिए राहत भरा कदम होगा. दरअसल, मूल रूप से इन पर 5% जीएसटी लगाने पर विचार किया गया था.

इसके अलावा फिटमेंट समिति ने प्रस्ताव दिया है कि मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मशरूम, खजूर, मेवे और नमकीन जैसे उत्पादों को मौजूदा 12 फीसदी जीएसटी स्लैब से हटाकर सिर्फ 5 फीसदी कर दिया जाए.

आम आदमी से छात्रों तक को मिलेगी राहत
मामले से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि यह कदम जीएसटी स्लैब की संख्या कम करके और कैटेगरी को लेकर मौजूद विवादों को सुलझाकर इ्नडायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर को युक्तिसंगत बनाने के सरकार के व्यापक प्रयास का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि जीरो जीएसटी स्लैब का विस्तार करने से आम परिवारों और छात्रों को ठोस राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि, इन सिफारिशों पर अंतिम फैसला अगले सप्ताह दिल्ली में होने वाली 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा, जो 3-4 सितंबर को हो सकती है.

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