
भोपाल। मोहन सरकार के मंत्रियों को पिछली सरकारों में मंत्री स्टाफ में रहे अधिकारियों-कर्मचारियों का मोह छोडऩा पड़ सकता है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद सिर्फ पांच मंत्रियों के स्टाफ में नियुक्ति के आदेश निकले हैं। खास बात यह है कि इनमें से कोई भी कर्मचारी पहले कभी किसी मंत्री के स्टाफ में नहीं रहा है, जबकि मंत्रियों ने पिछली सरकारों में मंत्रियों के स्टाफ में रहे जिन कर्मचारियों की नोटशीट भेजी थी, उस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि पिछली सरकारों में मंत्रियों के स्टाफ में रहे कर्मचारियों को इस बार मंत्री अपने स्टाफ में नहीं रखें। ज्यादातर मंत्रियों के साथ निज सचिव से लेकर विशेष सहायक तक वे अधिकारी-कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनके नियुक्ति आदेश नहीं हुए हैं। इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री कार्यालय में नए अधिकारी एवं कर्मचारियों की पदस्थापना होगी। सालों से जमे कर्मचारियों को सीएमओ से बाहर किया जा सकता है या दायित्व बदला जा सकता है।
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