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Heart Attack: हफ्ते में इस दिन और इस समय होते हैं सबसे ज्यादा हार्ट अटैक

डेस्‍क। हार्ट के मरीज के कैसे पता चलता है कि उसे यह बीमारी चपेट में ले चुकी है। इसके कुछ लक्षण हैं जिससे पता चलता है कि मरीज दिल का रोगी है और सही इलाज न कराएं तो आघात लग सकता है। यदि शुरू में दिल की कोई बीमारी रही है, ब्लड प्रेशर हाई रहता हो, डायबिटिज की समस्या हो, सीने में या बांह में दर्द रहता हो, तो मान सकते हैं कि हार्ट की समस्या हो सकती है। ये हार्ट अटैक के संकेत भी हो सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि साल या महीने या हफ्ते का कोई खास दिन या समय इस खतरे को और बढ़ा देता है? अगर इस दिन और समय पर बारीकी से नजर रखें, अपनी दिनचर्या ठीक रखें तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से पार पा सकते हैं। यह बात एक विदेशी स्टडी में सामने आई है।

स्वीडन की इस रिसर्च में तकरीबन 1.5 लाख वैसे लोगों पर शोध किया गया जो हार्ट की समस्या से ग्रसित थे। उन पर लगातार 7 दिन तक शोध किया गया। शोध के दौरान आश्चर्यजनक रूप से खास दिन और खास समय का ट्रेल मिला जिस वक्त मरीज सबसे ज्यादा अटैक से गुजरते पाए गए। यानी कि उस खास दिन या खास वक्त पर हार्ट अटैक का जोखिम सबसे ज्यादा पाया गया। रिसर्च में पता चला कि सबसे ज्यादा हार्ट अटैक सोमवार को आए। यह भयंकर परेशानी सबसे कम शनिवार को दिखी। सोमवार को अन्य दिनों के मुकाबले 11 परसेंट ज्यादा हार्ट अटैक के केस देखे गए।

जवान और कामकाजी लोगों में सोमवार को यह समस्या सबसे ज्यादा दिखी। इस आयु वर्ग के लोगों में सोमवार को हार्ट अटैक की शिकायत अन्य दिनों के मुकाबले 20 फीसद ज्यादा रही। अगर उस खास महीने की बात करें जिसमें सबसे ज्यादा हार्ट अटैक आए तो वह दिसंबर का महीना है। यानी कि साल भर में दिसंबर में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक की समस्या देखी गई और सबसे कम जुलाई में।


समय की बात करें तो उस वक्त हार्ट अटैक सबसे ज्यादा हुआ जब लोग सबसे ज्यादा स्ट्रेस या मानसिक परेशानी में थे। इससे साफ है कि हार्ट अटैक का सीधा संबंध मानसिक परेशानी, चिंता-फ्रिक और स्ट्रेस से है। जिन लोगों को सोमवार को ज्यादा अटैक आता है, इसका मतलब है कि सोमवार को ऑफिस का पहला दिन होता है जिसका प्रेशर दिमाग पर असर करता हो। काम का प्रेशर पूरे शरीर के बायोलॉजिकल सिस्टम को बिगाड़ सकता है। इससे किसी मरीज को हार्ट अटैक आ सकता है।

जब किसी हार्ट मरीज का स्ट्रेस लेवल बढ़ता है, तो उसके दिमाग में स्पाइक नाम की एक प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया के चलते बोन मैरो पर ज्यादा जोर पड़ता है ताकि वहां से इम्युन सेल्स निकलें और स्ट्रेस के खिलाफ लड़ें। लेकिन इम्युन सेल्स का निकलना खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि ये सेल्स खून की नलियों और हार्ट को सूजन पैदा कर भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह स्ट्रेस शनिवार और रविवार को कम होता है जबकि सोमवार को सबसे ज्यादा होता है। वह भी ऑफिस टाइम में यह और गंभीर हो जाता है। सोमवार का दिन याद रखें उसी हिसाब से एहतियात बरतें तो इस घातक खतरे से बच सकते हैं।

हार्ट अटैक से बचने का सबसे अच्छा तरीका जीने के तरीके में बदलाव को माना जाता है। इसमें खान-पान से लेकर सोने और जगने तक का रूटीन शामिल है। शारीरिक गतिविधियां ज्यादा रखी जाएं ताकि शरीर में शुगर का स्तर मेंटेन रहे। डायबिटिक मरीजों में हार्ट का खतरा सबसे ज्यादा होता है। सांस लेने और छोड़ने वाले व्यायाम किए जाएं ताकि हार्ट की तंदुरुस्ती बनी रहे। कॉमेडी मूवी या सीरियल देखें, अपने किसी प्रियजन से बात करें कि मन हल्का हो। ये सभी एक्टिविटी दिमाग में स्पाइक की प्रक्रिया को धीमा करते हैं जिससे कि स्ट्रेस नहीं बढ़ पाता है।

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