
लखनऊ । यूपी (UP) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में हुई हिंसा (Violence) की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने बड़ा खुलासा कर कहा है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers) पर कार चढ़ाना (Mounting a car) सुनियोजित साजिश (Planned Conspiracy) थी । वो हादसा (Accident) नहीं था।
बता दें कि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर 6 जनवरी को सुनवाई होनी है। ऐसे में एसआईटी ने कोर्ट से धाराओं को और बढ़ाने का अनुरोध किया है। घटना स्थल और इलेक्ट्रानिक गैजेट का हवाला देते हुए एसआईटी का कहना है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रही टीम का कहना है कि यह घटना एक “पूर्व नियोजित साजिश” थी। किसानों को मारने के इरादे से उनपर गाड़ी चढ़ाई गई थी।
इस मामले में आशीष मिश्रा और अन्य पहले से ही हत्या और साजिश के आरोपों का सामना कर रहे हैं, वहीं एसआईटी ने मांग की है कि आरोपियों पर “हत्या का प्रयास” और अन्य आरोप भी जोड़े जाएं।
एसआईटी के खुलासे के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, “मोदी जी, फिर से माफ़ी मांगने का टाइम आ गया। लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ। सच सामने है!”
समाजवादी पार्टी के नेता नावेद सिद्दीकी ने कहा कि इस मामले में अब सीबीआई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में किसानों की सीधे तौर पर हत्या की गई थी। एसआईटी ने अपनी जांच से पुष्ट कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग की है।
गौरतलब है कि इसी साल तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था। किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था। बता दें कि 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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