
हल्द्वानी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) से नैनीताल जिले (Nainital district) के हल्द्वानी (Haldwani)-काठगोदाम आकर जंगल में सल्फास गटकने वाले सगे भाई अपने ही एक रिश्तेदार से मिली प्रताड़ना से तनाव में थे। आरोप है कि करीबी रिश्तेदार ने उनके माता-पिता की मौत के बाद दोनों भाइयों को इतना परेशान किया कि वह जान देने के लिए सात सौ किलोमीटर का सफर तय कर हल्द्वानी पहुंच गए। दोनों सगे भाई जान देने इसीलिए यहां आए, ताकि रिश्तेदारों को उनकी लाश तक न मिले। यह खुलासा पुलिस की पूछताछ में हुआ है।
मध्य प्रदेश के रीवा स्थित मणिकवार गांव निवासी 22 वर्षीय शिवेश और 20 वर्षीय बृजेश पुत्र मनोज मिश्रा ने बुधवार शाम काठगोदाम स्थित भद्यूनी के जंगल में जाकर सल्फास गटक लिया था। दोनों को गंभीर हालत में डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था, जहां शिवेश को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वहीं बृजेश का गंभीर अवस्था में इलाज चल रहा है। पानीपत में नौकरी करने वाले दोनों के मामा सुरेंद्र पांडे शुक्रवार दोपहर हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके भांजे अपनी मां ममता और पिता मनोज मिश्रा की मौत के बाद से तनाव में थे। सुरेंद्र का आरोप है कि आठ एकड़ जमीन के विवाद को लेकर एक करीबी रिश्तेदार दोनों भाइयों को प्रताड़ित कर रहे हैं। थाना काठगोदाम की एसआई नीतू जोशी को बृजेश ने बताया कि हम दोनों भाई इतने परेशान हो गए कि घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर जान देने के लिए निकल पड़े, ताकि रिश्तेदारों को उनकी लाश भी नसीब न हो सके। एसओ विमल मिश्रा ने बताया, कि पंचनामा की कार्रवाई हो गई है। शनिवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।
बृजेश के अंदरूनी अंगों पर असर
सूत्रों के मुताबिक, शिवेश की सल्फास के अधिक मात्रा में सेवन करने से जान चली गई। वहीं, कम मात्रा में सल्फास लेने से बृजेश बच गया। हालांकि उसके शरीर के अंदरूनी अंगों को काफी नुकसान पहुंचा है। एक डॉक्टर ने बताया कि बृजेश के लिवर और नसों समेत कई अंगों को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में उसकी हालत सुधरने में लंबा समय लगेगा। अस्पताल में भी बृजेश को कई बार उल्टियां कराईं।
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