
भोपाल । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Minister Shivraj Singh Chouhan) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अचानक एक सोयाबीन (Soybean) के खेत में पहुंच गए। दरअसल, कई कई किसानों (Farmers) ने उनसे शिकायत की थी। शिवराज ने कहा कि एक किसान की फसल ही उसकी जिंदगी है। अगर वह चली जाए तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के चिराखेड़ा गांव में सोयाबीन के खेतों का औचक निरीक्षण किया। उनका यह निरीक्षण ऐसी शिकायतें मिलने के बाद किया गया कि खरपतवारनाशक के प्रयोग के बाद पूरी फसल नष्ट हो गई है।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पाया कि सोयाबीन की बजाय खेतों में खरपतवार उग आए थे और फसल पूरी तरह जल गई थी। किसानों ने आरोप लगाया कि यह नुकसान एक निजी कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए केमिकल के कारण हुआ है।
चौहान ने मौके पर मौजूद किसानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक किसान की जमीन तक सीमित नहीं है। कई किसानों ने इसी तरह के नुकसान की सूचना दी है। एक किसान की फसल ही उसकी जिंदगी है। अगर वह चली जाए तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है। किसानों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी और इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
मंत्री ने घोषणा की कि इस मामले की जांच के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा एक उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक समिति का गठन किया गया है। जांच दल का नेतृत्व जबलपुर स्थित खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) के निदेशक डॉ. जेएस मिश्रा, अटारी जोन 9 के निदेशक डॉ. एसआरके सिंह और रायसेन व विदिशा जिलों के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। समिति 18 अगस्त को प्रभावित खेतों का दौरा करेगी।
चौहान ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) रायसेन के वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत पूर्व रिपोर्ट को भी गलत बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह नई टीम गहन जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार नकली कीटनाशक, बीज और उर्वरक बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई शुरू करेगी।
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