
मुंबई. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) समेत महाराष्ट्र (Maharashtra) के नगर निगम चुनावों (municipal elections) से पहले बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बीच रणनीतिक गठबंधन होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य मराठी मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर सत्ता पक्ष को चुनौती देना है. इस बारे में यूबीटी नेता संजय राउत ने जानकारी दी है.
हालांकि, महा विकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस ने इस गठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र की नगर पालिका चुनावी राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है, जहां मराठी अस्मिता का मुद्दा एक बार फिर केंद्र में आ गया है.
जल्द होगा गठबंधन का ऐलान
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का ये गठबंधन अगले हफ्ते में औपचारिक रूप से घोषित किया जाएगा. राउत ने इस गठबंधन से लोगों में उत्साह और विश्वास जागने की बात कही. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी को सीधी चेतावनी भी दी है.
29 नगर निगम में साथ लड़ेंगे चुनाव
उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक साथ आना लोगों में आत्मविश्वास और उत्साह बढ़ा है. हम मुंबई समेत 29 नगर निगमों में चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, अगर आप हम पर पीछे से भी हमला करेंगे तो हम लड़ने के लिए तैयार हैं. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे मिलकर चुनाव लड़ेंगे.’ राउत ने कहा कि ठाकरे ब्रदर्स पांच महत्वपूर्ण नगर निगमों- मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोम्बिवली, मीरा भायंदर, पुणे और नासिक जैसे पांच नगर निगमों में एक साथ चुनाव लड़ेंगे. अन्य नगर निगमों में स्थानीय नेताओं के स्तर पर फैसला लिया जाएगा.
उन्होंने इसे मुंबई की लड़ाई करार देते हुए कहा, ‘हम इस मुंबई को अमित शाह के हाथों में नहीं जाने देंगे. महाराष्ट्र जानता है कि रहमान डाकू कौन है? कौन मुंबई को लूटना चाहता है? उनका समर्थन कौन कर रहा है?’ उन्होंने दावा किया कि ये गठबंधन शहरी आधारभूत संरचना, मराठी भाषा संरक्षण और नागरिक शासन जैसे प्रमुख मुद्दों पर एकजुट मोर्चा पेश करने का लक्ष्य रखता है, जो मुंबई की चुनावी तस्वीर को बदल सकता है.
राउत की कांग्रेस को चेतावनी
संजय राउत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मुझे इस वक्त कांग्रेस हमारे साथ नहीं दिख रही है. बिहार चुनाव परिणामों के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. वास्तव में उन्हें इस लड़ाई में हमारे साथ होना चाहिए. हमने उनके वरिष्ठ नेताओं से भी बात की है, लेकिन उन्होंने ये मामला स्थानीय नेताओं पर छोड़ दिया है. स्थानीय नेताओं से हमारी अपील है कि मुंबई चुनावों में कोई भी ऐसा रुख न अपनाए, जिससे भाजपा को अलग रास्ता अपनाने में मदद मिले. लोग इसे नहीं भूलेंगे. मैं उनसे बस इतना कहना चाहूंगा कि याद रखें कि भविष्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी आने वाले हैं.’
अकेले लड़ेगी कांग्रेस
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज-उद्धव के राजनीतिक गठबंधन के समय कांग्रेस को विश्वास में नहीं लिया गया था. उन्होंने कहा कि मुंबई की जनता धर्म और भाषा के आधार पर बंटवारा नहीं चाहती. वह मुंबई का विकास और बेहतर हवा की गुणवत्ता चाहते हैं.
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. हमारी स्थानीय यूनिट ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने और कार्यकर्ताओं को मजबूती देने का फैसला किया है.
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