img-fluid

पिछले पांच वर्षों में करीब 9 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी – विदेश मंत्रालय

December 11, 2025


नई दिल्ली । विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में (In last Five Years) करीब 9 लाख भारतीयों (Nearly 9 Lakh Indians) ने अपनी नागरिकता छोड़ी (Have gave up their Citizenship) । मंत्रालय ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी देते हुए कि बताया कि विदेशी नागरिकता अपनाने वालों की यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है।


राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने बताया कि सरकार भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों का वर्षवार रिकॉर्ड रखती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में नागरिकता त्यागने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बताया गया कि 2020 में 85,256; 2021 में 1,63,370; 2022 में 2,25,620; 2023 में 2,16,219 और 2024 में 2,06,378 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। इसके अलावा, 2011 से 2019 के बीच 11,89,194 भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी। इस अवधि में 2011 में 1,22,819; 2012 में 1,20,923; 2013 में 1,31,405; 2014 में 1,29,328; 2015 में 1,31,489; 2016 में 1,41,603; 2017 में 1,33,049; 2018 में 1,34,561 और 2019 में 1,44,017 लोगों ने नागरिकता छोड़ी।

इसी बीच, 2024-25 में विदेशों में रहने वाले भारतीयों से प्राप्त शिकायतों के बारे में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि विदेश मंत्रालय को कुल 16,127 शिकायतें मिलीं। इनमें से 11,195 शिकायतें ‘मदद’ पोर्टल और 4,932 शिकायतें सीपीग्राम्स के माध्यम से दर्ज हुईं। सबसे अधिक संकट संबंधी मामले सऊदी अरब (3,049) से आए। इसके बाद यूएई (1,587), मलेशिया (662), अमेरिका (620), ओमान (613), कुवैत (549), कनाडा (345), ऑस्ट्रेलिया (318), ब्रिटेन (299) और कतर (289) का स्थान रहा।

मंत्री ने बताया कि भारत ने प्रवासी भारतीयों की शिकायतों के समाधान के लिए एक “मजबूत और बहु-स्तरीय तंत्र” तैयार किया है, जिसमें इमरजेंसी हेल्पलाइन, वॉक-इन सुविधा, सोशल मीडिया और 24×7 बहुभाषी सहायता शामिल है। अधिकतर मामलों को सीधे संवाद, नियोक्ताओं से मध्यस्थता और विदेशी अधिकारियों के साथ समन्वय के जरिये शीघ्र सुलझा लिया जाता है।

कुछ मामलों में देरी की वजह अधूरी जानकारी, नियोक्ताओं का सहयोग न करना और अदालत में चल रहे मामलों में भारतीय मिशनों की सीमित भूमिका बताई गई। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास पैनल वकीलों के माध्यम से कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराते हैं, जिसके लिए इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड मदद करता है। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र एवं कांसुलर कैंप लगातार मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करते हैं।

Share:

  • उमर खालिद को 16 से 29 दिसंबर तक मिल गई सशर्त अंतरिम जमानत

    Thu Dec 11 , 2025
    नई दिल्ली । उमर खालिद (Umar Khalid) को 16 से 29 दिसंबर तक (From December 16 to 29) सशर्त अंतरिम जमानत मिल गई (Got conditional Interim Bail) । दिल्ली दंगा मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार को अपनी बहन के निकाह में शामिल होने […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved