
मुंबई । सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (MP Priyanka Chaturvedi) ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाकर (By suppressing the Voice of Opposition) नया लोकतंत्र गढ़ा जा रहा है (New Democracy is being Created) ।
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार असुरक्षित महसूस होने की वजह से विपक्ष के नेता को रूस के राष्ट्रपति से मिलने नहीं दे रही है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि 2014 के बाद से लगातार केंद्र सरकार विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। ऐसा करके यह सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम लोग नए प्रकार के लोकतंत्र को आकार लेते हुए देख रह रहे हैं, जिसके तहत सिर्फ सत्तापक्ष के नेताओं की ही आवाज सुनी जा रही है, जबकि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। ऐसा करके ये लोग लोकतंत्र के सिद्धांतों को ताक पर रखने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सरकार अब सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को समाप्त करने की कोशिश कर रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत विपक्ष के नेता को भी किसी विदेशी राष्ट्रध्यक्ष से मिलने की व्यवस्था होती है, लेकिन अब इस व्यवस्था को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र के सभी मूलभूत सिद्धांतों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। यह सरकार एक तरह नए प्रकार के लोकतंत्र को जन्म देने की कोशिश कर रही है, जो कि किसी भी मायने में उचित नहीं है। अगर किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष से विपक्ष के नेता को मिलने नहीं दिया जा रहा है, तो मैं समझती हूं कि यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है।
इंडिगो की तरफ से 550 से ज्यादा फ्लाइट रद्द करने के संबंध में सांसद ने कहा कि मुंबई, पुणे सहित कई शहरों में फ्लाइट्स कैंसल हुई है। इस वजह से एयर इंडिया की तरफ से भी फ्लाइट्स को कैंसिल किया गया है। एयरलाइंस नियमों का पालन नहीं करते हैं। क्रू के रेस्टिंग ऑवर के संबंध में एक नया नियम आया था, लेकिन दो साल से ज्यादा हो गए। अब तक इन नियमों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर एयरलाइंस कंपनियां अपने लाभ को ज्यादा तरजीह देती है, जबकि आम यात्रियों के हितों पर कुठाराघात करती है।
मैं कई बार इस विषय को उठा चुकी हूं, लेकिन अभी तक कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। मैंने इस संबंध में सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस पर सभापति जरूर ध्यान देंगे और वो सिविल एविएशन मिनिस्टर से जानकारी लेंगे कि अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विमान सुचारू रूप से चल रहे हैं, लेकिन, घरेलू विमानों के यात्रियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सिविल एविएशन को जल्द से जल्द यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।
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