
नई दिल्ली । दिल्ली दंगों के मामले में (In Delhi riots case) सुप्रीम कोर्ट में (In the Supreme Court) अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी (Next hearing will be held on October 31) । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई ।
अदालत ने कहा कि जब पिछली तारीख पर पुलिस को जवाब दाखिल करने का पर्याप्त समय दिया गया था, तो फिर अब तक जवाब क्यों दाखिल नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि सोमवार को मामले की सुनवाई होगी। अदालत ने सवाल किया, “जब याचिकाकर्ता पहले ही 5 साल जेल में बिता चुके हैं, तब भी पुलिस की ओर से जवाब दाखिल न करना बेहद गंभीर लापरवाही है।” अदालत ने कहा कि अब इस मामले में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर तय की है और तब तक दिल्ली पुलिस को अपना जवाब हर हाल में दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह मामला पहले भी सुप्रीम कोर्ट में उठ चुका है। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिकाएं 2 सितंबर को खारिज कर दी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। हालांकि, पुलिस की ओर से अब तक कोई जवाब पेश नहीं किया गया, जिससे अदालत ने नाराजगी जाहिर की। अदालत ने साफ कहा कि यह मामला वर्षों से लंबित है और याचिकाकर्ता पहले से ही लंबे समय से जेल में हैं, इसलिए अब इस पर निर्णायक सुनवाई जरूरी है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि विरोध या प्रदर्शन के नाम पर साजिशन हिंसा को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने माना था कि दंगों की घटनाएं योजनाबद्ध थीं, जिनका उद्देश्य समाज में विभाजन और अशांति फैलाना था। हाईकोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। वहीं, एक अन्य आरोपी तसलीम अहमद की याचिका भी 2 सितंबर को अलग पीठ ने खारिज की थी।
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