
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों को लेकर अपने दिशा निर्देशों में बदलाव किया है। अब परिवार के 6 सदस्य कोरोना पीडि़त का अंतिम संस्कार कर सकते हैं। इससे पहले परिवार के सदस्य कोरोना पीडि़त के दाह संस्कार या अंत्येष्टि को दूर से ही देख सकते थे। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 23 सितंबर को जारी दिशानिर्देशों में कह गया है, परिजन कोरोना पीडि़त का शव सीधे अस्पताल से श्मशान/कब्रिस्तान ही ले जा सकते हैं। कहीं और नहीं ले जा सकते। दाह संस्कार में माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चे शामिल हो सकते हैं और सभी परिजन को अलग गाड़ी में जाना होगा। अधिकारी ने बताया कि राज्य भर के कोरोना अस्पतालों में रोगी देखभाल सेवाओं को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, विशेषज्ञ और अन्य चिकित्सा अधिकारियों को कोविड अस्पतालों के पास रहना होगा।
डच कंपनी ने बनाया मौत के बाद जीवन देने वाला ताबूत
नीदरलैंड की लूप नामक कंपनी ने लकड़ी की बजाय फंगस से बना एक नए तरह का ताबूत बनाया है। शरीर को दफनाने के बाद यह ताबूत ना केवल खुद पूरी तरह से गल कर खत्म हो सकता है, बल्कि उसमें रखे शव को भी पूरी तरह विघटित कर सकता है। मौत के बाद शरीर अपने आप ही धीरे धीरे विघटित होता रहता है।इस विशेष ताबूत की मदद से मृतक के शरीर को इस तरह विघटित किया जा सकेगा, जिससे वह पेड़ पौधों के लिए पोषक तत्व के रूप में बदल जाए।
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