
इंदौर। पूरे शहर में सांची पाइंट के नाम से गुमटीकरण करने वाला दुग्ध संघ अब इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना की जमीन पर भी डाका डालने जा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा अपनी योजना में गुमटी लगाने की अनुमति दी जा रही है, जबकि प्राधिकरण द्वारा अपनी योजनाओं को निगम के सुपुर्द किया जाता है और ऐसे मामलों में अनुमति देने का अधिकार केवल निगम के पास ही होता है।
प्राधिकरण के संचालक मंडल की पिछली बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
इंदौर दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा इंदौर विकास प्राधिकरण को एक चि_ी लिखकर योजना क्रमांक 134 में वसुंधरा काम्प्लेक्स के पास मौजूद प्राधिकरण की रिक्त भूमि दुग्ध संघ का पार्लर लगाने के लिए किराए पर देने का अनुरोध किया गया था। इस पत्र को प्राधिकरण के संचालक मंडल की बैठक में रखा गया। बैठक में इस पत्र को मंजूरी देते हुए फैसला लिया गया कि उक्त मिल्क पार्लर लगाने के लिए 10 बाय 15 की साइज में स्थान किराए पर दिया जाएगा। इस स्थान का किराया बाद में भाड़ा नियंत्रण अधिकारी से निश्चित करवाया जाएगा। यह स्थान अभी 1 साल के लिए किराए पर दिया जा रहा है। बाद में इस स्थान को दो बार इतनी ही अवधि के लिए बढ़ा दिया जाएगा।
अब प्राधिकरण भी बना गुमटी माफिया
इंदौर। एक ओर तो नगर निगम शहर को सुंदर बनाने के लिए गुमटीमुक्त करने में लगा हुआ है, लेकिन दूसरी ओर विकास प्राधिकरण में बैठे कुछ लोग गुमटी लगवा रहे हैं। इससे एक नई प्रवृत्ति जन्म लेगी, जिसके कारण शहर में फिर गुमटियां दिखाई देने लगेंगी। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इंदौर विकास प्राधिकरण को लेकर आरोप लगाया कि एक ओर तो प्राधिकरण के अध्यक्ष और संभागायुक्त दीपक सिंह शहर के विकास को लेकर योजनाएं बना रहे हैं, वहीं कुछ अधिकारी दुग्ध संघ की आड़ में गुमटी लगवाने का खेल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि इंदौर में दुग्ध संघ की गुमटियों की आड़ में क्या हो रहा है। यहां दूध को छोडक़र सभी चीजें बेची जाती हैं। एक ऐसा ही मामला स्कीम नंबर 136 में खाली पड़े प्लाट की 150 फीट की त्रिकोणीय जमीन पर दुग्ध संघ की गुमटी लगाने के रूप में सामने आया है। अभी तक निगम ही दुग्ध संघ को जमीन देता था, लेकिन अब प्राधिकरण भी इसमें कूद गया है। गुमटी लगाने की मंजूरी दे दी गई है और इसे बाले-बाले पास कर दिया गया है। चौकसे ने कहा कि इस तरह से तो प्राधिकरण में आवेदनों की बाड़ लग जाएगी और शहर का फिर से गुमटीकरण किया जाएगा। चौकसे ने संभागायुक्त से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है।
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