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अब टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट से LIC हुई बाहर, इतना रह गया मार्केट कैप


नई दिल्ली: सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के लिए शेयर मार्केट (Share Market) ठीक साबित नहीं हुआ है. लंबे इंतजार के बाद जब कंपनी शेयर बाजार में उतरी तो आईपीओ (LIC IPO) के बाद डिस्काउंट पर लिस्टिंग हुई. उसके बाद लगातार इसके शेयरों के दाम कम होते गए हैं. इसका असर कंपनी के मार्केट कैप (LIC MCap) पर भी हुआ है. अब हालात यह है कि एलआईसी मार्केट कैप के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों की सूची से बाहर हो गई है.

इन दो कंपनियों को मिली जगह
एलआईसी को टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट से बाहर करने में बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) का हाथ रहा. 30 अगस्त को बाजार बंद होने के बाद बीएसई पर अडानी ट्रांसमिशन का मार्केट कैप (Adani Transmission MCAp) 4.43 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह अडानी समूह की यह कंपनी 9वें पायदान पर पहुंच गई. इसके बाद बजाज फाइनेंस का नंबर है, जो 4.42 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण (Bajaj Finance MCap) के साथ 10वें स्थान पर है. सरकारी बीमा कंपनी अब 4.26 लाख करोड़ रुपये के एमकैप के साथ 11वें स्थान पर आ गई है.


अब तक इतना गिरा एलआईसी स्टॉक
एलआईसी का शेयर 17 मई 2022 को शेयर बाजार पर लिस्ट हुआ था. एलआईसी के आईपीओ के लिए 902-949 रुपये का प्राइस बैंड (LIC IPO Price Band) तय किया गया था. पहले ही दिन एलआईसी के शेयर में 13 फीसदी तक की गिरावट आई थी और यह अंतत: 8.62 फीसदी यानी 81.80 रुपये गिरकर 867.20 रुपये पर सेटल हुआ था. आईपीओ के अपर बैंड 949 रुपये की तुलना में देखें तो अभी तक इस स्टॉक के भाव में करीब 29 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. कंपनी को जून तिमाही में 682.9 करोड़ रुपये का बंपर प्रॉफिट हुआ था. यह साल भर पहले यानी जून 2021 तिमाही के 2.9 करोड़ रुपये नेट प्रॉफिट की तुलना में कई गुना ज्यादा है. इस दौरान कंपनी का नेट प्रीमियम सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ा. हालांकि कंपनी का परफॉर्मेंस तिमाही दर तिमाही आधार पर नीचे ही आया था. एलआईसी का इंश्योरेंस बिजनेस मुख्य तौर पर 13 लाख सेल्स एजेंट के जरिए चलता है.

ये हैं टॉप-10 की कंपनियां
मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों की बात करें तो मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) 17.8 लाख करोड़ रुपये के साथ नंबर-1 पर बनी हुई है. वहीं टाटा समूह की आईटी कंपनी टीसीएस (TCS) 11.75 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर है. इन दोनों के अलावा किसी भी अन्य कंपनी का एमकैप 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है. लिस्ट में तीसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), चौथे स्थान पर इंफोसिस (Infosys), पांचवें स्थान पर हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever), छठे पर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), सातवें पर एसबीआई (SBI) और आठवें पर एचडीएफसी (HDFC) है.

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