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भारत में मिला Omicron का नया उप वैरिएंट XBB, इससे सिंगापुर में तेजी से फैला कोरोना

नई दिल्ली। भारत (India) में मिले ओमिक्रॉन (Omicron) के नए उप स्वरूप एक्सबीबी (new sub variant XBB) से सिंगापुर (Singapore) में कोरोना संक्रमण के मामलों (corona infection cases) में चार गुना से अधिक इजाफा हुआ है। बीते एक महीने में यहां री इंफेक्शन (पुनः संक्रमण) के मामले 15 से बढ़कर 70 फीसदी तक दर्ज किए गए हैं। ये सभी मामले वे हैं, जिन्हें टीकाकरण कराए सात से आठ माह का वक्त हो चुका है।

नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने बताया कि हाल ही में जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिये ओमिक्रॉन के नए उप वैरिएंट स्वरूप की पहचान हुई है। भारत के अलावा बांग्लादेश, यूरोप और अमेरिका के कई राज्यों में यह उप स्वरूप मिला है। सिंगापुर में अभी संक्रमण के मामले बढ़ने के पीछे इसे मुख्य कारण माना जा रहा है।


एहतियाती खुराक न लेने वालों को परेशानी
डॉ. स्कारिया ने बताया कि एक्सबीबी स्वरूप लोगों में एंटीबॉडी पर हमला कर रहा है। इसलिए जिन लोगों ने कोरोना रोधी एहतियाती खुराक अब तक नहीं ली है उन्हें देरी नहीं करनी चाहिए। इस स्वरूप से बचने का तरीका यही है कि लोग एहतियाती खुराक लेकर अपने शरीर में एंटीबॉडी का स्तर फिर से बढ़ाएं और कोविड सतर्कता नियमों का पालन करें।

इस तरह बढ़े मामले
सिंगापुर के वरिष्ठ डॉ. सेप्टिन हार्टूनू ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि एक से 14 अक्तूबर के बीच उनके यहां एक लाख की आबादी पर 162 पुनः संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं जो सितंबर (78) की तुलना में करीब दोगुना हैं।

एंटीबॉडी को चकमा दे रहा नया उप स्वरूप, सर्दी में बढ़ सकते हैं संक्रमण के मामले
ओमिक्रॉन वैरिएंट का नया उप वैरिएंट बीए.2..75.2 काफी हद तक रक्त में मौजूद एंटीबॉडी से बच कर निकल रहा है। यह खुलासा द लैंसेट इनफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में हुआ है। स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में आशंका व्यक्त की है कि इस सर्दी कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। इससे बचने के लिए कोरोना रोधी टीका का इस्तेमाल बढ़ाना चाहिए।

प्रो. बेन मुरेल ने कहा, लोगों में अभी कोरोना के खिलाफ विकसित एंटीबॉडी प्रतिरक्षा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई हैं, लेकिन ओमिक्रॉन के नए उप स्वरूप बीए.2..75.2 ने अध्ययन में कहीं अधिक नाटकीय प्रतिरोध प्रदर्शित किया है, जो बड़े पैमाने पर स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में दो उत्परिवर्तन से संचालित है।

बीए.5 से ज्यादा घातक
अध्ययन से पता चलता है कि स्वीडन के स्टॉकहोम में 75 लोगों के सैंपल लेकर एंटीबॉडी की जांच की गई तो बीए.5 की तुलना में बीए.2..75.2 स्वरूप ज्यादा प्रभावी पाया गया।

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