नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन की दो रिफाइनरी कंपनियों का विलय होने वाला है। ONGC की ये दो कंपनियां हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि जून 2021 तक ONGC इन दोनों कंपनियों के विलय पर विचार करेगी। ONGC के चेयरमैन शशि शंकर ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि कंपनी दोनों तेल रिफाइनरी कंपनियों का विलय जून 2021 के बाद करेगी।
आपको याद दिला दें कि दो साल पहले ही ONGC ने HPCL का 36,915 करोड़ रुपये में अधिग्रहण पूरा किया था। इसके बाद ONGC के पास तेल रिफाइनिंग कारोबार से जुड़ी दो कंपनियां – HPCL और MRPL हैं। HPCL में ONGC की कुल 51.11 फीसदी और MRPL में 71.63 फीसदी की हिस्सेदारी है। MRPL में HPCL की भी 16.96 फीसदी हिस्सेदारी है।
शशि शंकर ने कहा कि HPCL अपनी रिफाइनरियों में जितनी उत्पादन करती है, उससे ज्यादा ईंधन बेचती है। वहीं, दूसरी ओर MRPL पूरी तरह से एक रिफाइनिंग कंपनी है। उन्होंने कहा कि MRPL का HPCL के साथ विलय युक्तिसंगत है। इससे HPCL को ईंधन के मार्केटिंग को लेकर संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। HPCL को अन्य कंपनियों से ईंधन लेने की जरूरत नहीं होगी।
बीते शुक्रवार को ही ONGC ने जानकारी दी है कि उसे नेचुरल गैस कारोबारी में करीब 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। ONGC को यह नुकसान केंद्र सरकार के एक फैसले के बाद हो रहा है, जिसमें ईंधन का दाम करीब एक दशक के निचले स्तर पर पहुंच गया है। कंपनी के वित्तीय निदेशक सुभाष कुमार ने कहा था कि सरकार द्वारा तय किया गया भाव उत्पादन खर्च से बहुत कम है। नेचुरल गैस का उत्पादन खर्च 3.5-3.7 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट है।
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