
नई दिल्ली: भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ काम करने वाली संस्था लोकपाल ऑफ इंडिया (Lokpal of India) इन दिनों अपने लग्जरी कार टेंडर (Luxury Car Tender) को लेकर सुर्खियों में है. लोकपाल ने अपने सात सदस्यों के लिए 7 BMW कारों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है, जिनकी प्रति कार कीमत 70 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है. इस कदम पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
इस फैसले के बाद विपक्ष ने लोकपाल की मंशा पर सवाल उठाए हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “जब सुप्रीम कोर्ट के माननीय जजों को सेडान कारें दी जाती हैं, तो लोकपाल अध्यक्ष और छह सदस्यों को BMW कारों की क्या जरूरत है? जनता के पैसे से इतनी महंगी कारें क्यों खरीदी जा रही हैं? मुझे उम्मीद है कि लोकपाल के कुछ सदस्य इन कारों को लेने से इनकार करेंगे.”
चिदंबरम के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी लोकपाल पर तंज कसते हुए कहा, “यह विडंबना है कि जो संस्था ईमानदारी और सादगी की मिसाल होनी चाहिए, वही अब विलासिता की दौड़ में शामिल हो गई है.” उन्होंने लोकपाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि अब तक 8,703 शिकायतें लोकपाल को मिली हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 24 मामलों में जांच शुरू हुई है. हालांकि अभी तक सरकार या लोकपाल की ओर से इस विवाद पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, टेंडर प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है और अंतिम खरीद का निर्णय अभी नहीं हुआ है.
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