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पाकिस्तान: क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा घोटाला, लोगों को लगा 10 करोड़ डॉलर का चूना

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। बताया जाता है कि ये लाखों डॉलर का घोटाला है। ये जानकारी पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (FIA) की साइबर अपराध शाखा ने दी है। इस ममले में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार से जुड़ी एक चर्चित कंपनी बिनांस को नोटिस जारी किया गया है।

बताया जाता है कि कई मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन निवेश के दौरान ये घोटाला हुआ। इस बारे में बिनांस कंपनी का क्या रोल रहा है, यह उससे बताने को कहा गया है। अधिकारियों के मुताबिक बिनांस कंपनी से ठोस सवाल पूछे गए हैं। ये कंपनी केमैन द्वीपसमूह में रजिस्टर्ड है। केमैन आइलैंड्स को टैक्स हैवेन यानी कर चोरी का अड्डा माना जाता है।

ऑनलाइन निवेश में कई घोटाले हुए
एफबीआई अपनी जांच से इन नतीजे पर पहुंची है कि पाकिस्तान में ऑनलाइन निवेश में पॉन्जी योजनाओं की तरह के घोटाले हुए हैं। इन निवेश योजनाओं में निवेशकों को लालच दिया जाता है कि अगर वे अधिक लोगों को निवेश के लिए राजी करेंगे, तो उन्हें ज्यादा ऊंची दर से फायदा मिलेगा। एफबीआई के मुताबिक ऐसी योजनाओं में नए निवेशकों की कीमत पर पुराने निवेशकों को कुछ समय तक फायदा पहुंचाया जाता है। कुछ समय बाद स्कीम के संचालक गायब हो जाते हैं। तब तक वे अरबों रुपये का वारा-न्यारा कर चुके होते हैं।


ये मामला तब सामने आया, जब पिछले महीने पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से अनेक लोगों ने जांच एजेंसियों से संपर्क किया। उन्होंने शिकायत की कि 11 मोबाइल एप्स ने काम करना बंद कर दिया है। बाद में जांच से पता चला कि इन एप को चलाने वाली कंपनियों ने लोगों को भारी चूना लगाया है। इन एप्स के जरिए लोगों से बिनांस क्रिप्टो एक्सचेंज (बिनांस होल्डिंग्स लिमिटिड) पर खुद को रजिस्टर्ड कराने की सुविधा दी जाती थी। उसके बाद संबंधित एप के जरिए बिनांस के वॉलेट से रजिस्टर्ड करने वाले व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर किया जाता था।

रजिस्टर्ड कराने वाले लोगों को टेलीग्राम ऐप पर एक खास एकाउंट से जोड़ा जाता था, जहां कथित एक्सपर्ट उन्हें निवेश की सलाह देते थे। वे बिटकॉइन की कीमत में उतार-चढ़ाव की जानकारी भी वहां देते थे। लेकिन एक्सपर्ट और टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन की असली पहचान गोपनीय रखी गई थी।

हर निवेशक ने 2000 डॉलर लगाए
अभी तक सामने आई जानकारी के मुताबिक हर एप के जरिए कम से कम पांच हजार आवेदन पत्र बिनांस को प्राप्त हुए। एचएफसी नाम के एक एप के जरिए तो 30 हजार से अधिक लोगों ने बिनांस पर खुद को रजिस्टर्ड कराया।

अधिकारियों ने बताया है कि लोगों ने एक सौ से 80 हजार डॉलर तक का निवेश इन एप्स के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में किया। औसतन हर निवेशक ने 2000 डॉलर लगाए। इस तरह कुल लगभग दस करोड़ डॉलर का निवेश किया गया। यानी इतनी बड़ी रकम की धोखाधड़ी हुई है।

विशेषज्ञों ने अंदाजा लगाया है कि बिनांस की तरह ही ज्यादा एप्स की संचालक कंपनियां विदेशों में रजिस्टर्ड होंगी। टेलीग्राम एप से एफबीआई ने संबंधित ग्रुप के एडमिन की जानकारी मांगी है। लेकिन ऐसी जानकारी मिलना मुश्किल है। साथ ही टैक्स हैवेंस में रजिस्टर्ड कंपनियों तक पहुंचना भी आसान नहीं है।

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