
नई दिल्ली. पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) गंभीर संकट में है क्योंकि एयरक्राफ्ट इंजीनियरों (aircraft engineers) ने फ्लाइट्स (flights) के लिए एयरवर्दीनेस क्लियरेंस (airworthiness clearance) देना बंद कर दिया है. इससे देशभर में एयरलाइन (airline) की उड़ानें पूरी तरह ठप हो गई हैं.
कोई भी इंटरनेशनल फ्लाइट सोमवार रात 8 बजे के बाद से रवाना नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक अब तक कम से कम 12 निर्धारित उड़ानें प्रभावित हुई हैं और सैकड़ों यात्री, जिनमें उमरा जायरीन भी शामिल हैं – इस्लामाबाद, कराची और लाहौर जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर फंसे हुए हैं.
सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान (SAEP) ने कहा है कि उनके सदस्य तब तक काम पर नहीं लौटेंगे जब तक एयरलाइन का सीईओ अपना रवैया नहीं बदलता. यूनियन का आरोप है कि प्रबंधन पिछले दो महीनों से उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है.
इंजीनियरों का कहना है कि उन्हें पिछले आठ सालों से वेतन वृद्धि नहीं मिली है और अब उनसे स्पेयर पार्ट्स की भारी कमी के बावजूद फ्लाइट्स को क्लियर करने का दबाव डाला जा रहा है. यूनियन ने कहा, “हम यात्रियों की जान जोखिम में डालकर प्रबंधन के आदेशों को पूरा नहीं कर सकते.”
वहीं, PIA के सीईओ ने हड़ताल को “अवैध” करार दिया है और कहा कि यह पाकिस्तान एसेंशियल सर्विसेज़ एक्ट 1952 के तहत गैरकानूनी है. उन्होंने दावा किया कि हड़ताल का उद्देश्य एयरलाइन के जारी प्राइवेटाइजेशन प्रोसेस को नुकसान पहुंचाना है.
एयरलाइन प्रबंधन का कहना है कि वह अन्य कैरियर्स से इंजीनियरिंग सपोर्ट की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है ताकि जल्द फ्लाइट ऑपरेशंस दोबारा शुरू किए जा सकें. हालांकि, फिलहाल PIA का फ्लाइट शेड्यूल पूरी तरह से ठप है और स्थिति सामान्य होने के कोई तत्काल संकेत नहीं हैं.
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