
काबुल। तालिबान (Taliban) के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार (Afghanistan Goverment) ने पाकिस्तान ( Pakistan) को मिलने वाले पानी (Water) को नियंत्रित करने की तैयारी शुरू कर दी है। अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता मौलवी हिबातुल्लाह अखुंजदा ने कहा है कि कुनर नदी (Kunar River) पर जल्द से जल्द बांध बनाया जाएगा। तालिबान सरकार की तरफ से यह फैसला उस समय लिया गया है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई लड़ाई में सैकड़ों लोग मारे गए थे। तालिबान के सूचना मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने देशी कंपनियों के साथ ही इस परियोजना के ठेके करने का निर्देश दिया है।
कुनर नदी लगभग 480 किलोमीटर लंबी है और हिंदू कुश पर्वत से निकलकर पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मिलती है, जहां यह काबुल नदी में जुड़ती है। काबुल नदी, जो बाद में सिंधु नदी में मिलती है, पाकिस्तान के लिए सिंचाई और जल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है। अगर कुनर नदी का पानी कम हुआ, तो सिंधु नदी और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत पर भी असर पड़ेगा।
भारत ने अप्रैल 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि को फिलहाल के लिए निलंबित कर दिया था। उसके बाद अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान के पानी पर नियंत्रण करने का कदम उठाया। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कोई औपचारिक जल-साझा समझौता नहीं है।
अफगान विदेश मंत्री एम आमिर खान मुत्ताकी हाल ही में भारत आए और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिले। दोनों देशों ने हाइड्रोपावर और बांध परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। अफगान-भारत मित्रता (सलमा बांध), 2016 में भारत के 300 मिलियन डॉलर की मदद से बना, 42 मेगावॉट बिजली देता है और 75000 हेक्टेयर में सिंचाई करता है। शाहतूत बांध, काबुल नदी की सहायक नदी मैदन पर 2021 में भारत के 250 मिलियन डॉलर निवेश से बनने जा रहा है। यह दो मिलियन लोगों को पीने का पानी देगा और 4,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में सिंचाई करेगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved