लाहोर। पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (POGB) के राजनीतिक कार्यकर्ता शेरबाज खान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान पर इस विवादित क्षेत्र की स्थिति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) अपने लोगों को संवैधानिक अधिकारों, प्रतिनिधित्व और अपनी भूमि व संसाधनों पर नियंत्रण से महरूम कर रहा है। उन्होंने पीओजीबी को ‘संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार विवादित क्षेत्र’ करार दिया और जोर देकर कहा कि पाकिस्तान का बार-बार दखल अंतरराष्ट्रीय कानून तथा मूलभूत मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र के दौरान न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई क्षेत्र संवैधानिक रूप से किसी देश का अभिन्न अंग नहीं है, तो उस पर कर लगाना या उसे उस देश की तरह शासित करना न्यायोचित नहीं। पाकिस्तान की आलोचना करते हुए खान ने उल्लेख किया कि वहां भारी कर वसूली हो रही है, जबकि 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने संसदीय प्रतिनिधित्व के अभाव में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) व पीओजीबी में ऐसी कार्रवाइयों पर रोक लगा दी थी। उन्होंने दोहराया कि बिना प्रतिनिधित्व के कर वसूली असंभव है। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स सेल (एनएलसी) पर सीमा पर अवैध कर एकत्र करने का आरोप लगाया।
पीओजीबी की विधानसभा को केवल ‘प्रतीकात्मक’ बताते हुए खान ने आरोप लगाया कि यह संघीय अधिकारियों के प्रत्यक्ष निर्देशों पर चलती है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद का एक नौकरशाह पूरी व्यवस्था को संचालित करता है, जबकि स्थानीय प्रतिनिधियों के पास स्वतंत्र फैसले लेने की कोई स्वायत्तता नहीं। बुनियादी सुविधाओं व आपदा प्रबंधन की कमी पर रोशनी डालते हुए उन्होंने बताया कि बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाओं के बाद स्थानीय लोग ही सड़कें व जल आपूर्ति व्यवस्था खुद बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल बयानबाजी करती है, लेकिन जमीनी हकीकत में कोई बदलाव नहीं आता। इस दौरान शेरबाज खान ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की अपील की।
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