लाहोर। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (terrorist organization Jaish-e-Mohammed) ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन जिहादी कोर्स ‘तुफात अल-मुमिनात’ (The storm of the faithful) शुरू किया है जिसका नेतृत्व आतंकवादी मसूद अजहर की बहनें और उमर फारूक की पत्नी करेगी। जैश ने इस कोर्स के प्रत्येक प्रतिभागी के लिए 500 रुपये का फीस निर्धारित किया है। दरअसल, कुछ समय पहले ऐसी रिपोर्ट सामने आई थी कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आंतकवादी संगठन घोषित और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित जैश-ए-मोहम्मद एक महिला ब्रिगेड तैयार कर रहा है और इसे जमात उल-मुमिनात नाम दिया है।
अब मीडिया में सामने आए नए दस्तावेजों और विवरण से पता चला है कि आतंकी समूह ने धन इकट्ठा करने और अपनी महिला ब्रिगेड में अधिक से अधिक महिलाओं की भर्ती करने के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है। इस कोर्स का नाम ‘तुफात अल-मुमिनात’ दिया है। संगठन को मजबूत करने और अपनी महिला ब्रिगेड में और ज्यादा महिलाओं की भर्ती करने के लिए इस कोर्स के तहत जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाओं (जिनमें आतंकवादी मसूद अज़हर और उसके कमांडरों की रिश्तेदार भी शामिल हैं) से संबंधित महिलाएं प्रतिभागियों को जिहाद, धर्म और इस्लाम के नजरिए से अवगत कराएंगी।
गौरतलब है कि मसूद अजहर ने आठ अक्टूबर को जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात के गठन की घोषणा की थी और 19 अक्टूबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में महिलाओं को समूह में शामिल करने के लिए ‘दुख्तरान-ए-इस्लाम” नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में चरमपंथी गुट महिलाओं का अकेले बाहर जाना अनुचित मानते हैं, इसलिए जैश-ए-मोहम्मद अब महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है ताकि वह आईएसआईएस, हमास और लिट्टे की तर्ज पर अपने पुरुष आतंकवादी ब्रिगेड के साथ महिला आतंकी ब्रिगेड बना सके और संभावित रूप से आत्मघाती/फिदायीन हमलों के लिए उनका इस्तेमाल कर सके।

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