
नई दिल्ली । ऑल इंडिया (All India)मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार (Thursday)को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू(Kiren Rijiju) से मुलाकात कर आग्रह किया कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से संबंधित ‘उम्मीद’ पोर्टल से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के साथ ही दस्तावेजों के अपलोड की समयसीमा एक साल के लिए और बढ़ाई जाए। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ पदाधिकारियों के साथ ही सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मोहम्मद जावेद और चंद्रशेखर भी रीजीजू से मिले।
रीजीजू ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि आज मेरे कार्यालय में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत हुई। हमने उम्मीद पोर्टल में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की और विचारों का सुखद आदान-प्रदान किया।
वहीं, बोर्ड ने एक बयान में कहा कि पंजीकृत वक्फ संपत्तियों को अपलोड करने के लिए निर्धारित छह महीने की समय सीमा बेहद कम थी। पोर्टल पर विवरण अपलोड करते समय कई तकनीकी समस्याओं और गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा। इसलिए, सभी संपत्तियों को अपलोड करना बेहद कठिन और व्यावहारिक रूप से असंभव हो गया। नतीजतन, पंजाब वक्फ बोर्ड, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड, गुजरात वक्फ बोर्ड और राजस्थान वक्फ बोर्ड ने समय बढ़ाने की मांग करते हुए न्यायाधिकरण से संपर्क किया और न्यायाधिकरण ने समयसीमा बढ़ा दी।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने बताया कि हमने मंत्री के समक्ष उम्मीद पोर्टल से जुड़ी समस्याओं को रखा और उन्होंने आश्चासन दिया कि दिक्कतों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पोर्टल से संबंधित दिक्कतों को दूर किया जाना बहुत जरूरी है क्योंकि अब तक लाखों वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण नहीं हो सका है।
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