
पेरिस । फ्रांस (France) में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार को राजधानी पेरिस (Paris) और आसपास की नौ मस्जिदों (Mosques) के बाहर सूअरों (Pigs) के कटे सिर मिलने से वहां हड़कंप मच गया है। इनमें से पांच पर फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) के नाम लिखे हुए थे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस घटना के पीछे किसका हाथ है लेकिन फ्रांसीसी अधिकारियों ने देश के मुस्लिम समुदाय को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है। फ्रांस में यूरोप की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है, जिसकी संख्या 60 लाख से ज़्यादा है। इस्लाम में सूअर का मांस खाना वर्जित है। हाल के दिनों में फ्रांस में मुस्लिम विरोधी माहौल तेजी से पसरा है।
इस घटना पर वहां के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि हमारे मुस्लिम देशवासी शांति से अपने धर्म का पालन करें।” इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है और उन्हें विभाजित संसद में आम सहमति बनाने और 2026 का बजट पारित कराने का चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा है।
विदेशी साजिश से इनकार नहीं
दूसरी तरफ पेरिस पुलिस के प्रमुख लॉरेंट नुनेज़ ने कहा कि यह घटना फ्रांस को अस्थिर करने की विदेशी साजिश हो सकती है और इसमें विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि देश फिलहाल वित्तीय और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, “हम पिछली कार्रवाइयों से तुलना करने से नहीं बच सकते, जो अक्सर रात में होती थीं और विदेशी हस्तक्षेप साबित हुई थीं।”
रूस पर क्यों शक?
हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया लेकिन उनका इशारा रूस की तरफ था, जो पहले भी फ्रांस में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर चुका है। मई में यहूदी प्रार्थना स्थलों और एक नरसंहार स्मारक को हरे रंग से रंगने के बाद, “विदेशी शक्ति” से संबंध रखने के आरोप में तीन सर्बियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। पेरिस अभियोजक कार्यालय ने कहा कि पेरिस की मस्जिदों के बाहर चार और राजधानी के बाहरी इलाके की मस्जिदों में सूअरों के पाँच सिर मिले हैं। इसमें आगे कहा गया है कि एक जगह पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का उपनाम नीले रंग से रंगा हुआ था।
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