
इंदौर। शहर के लिए यह गौरव की बात है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 की मेजबानी का मौका मिला है। 30 जनवरी से 11 फरवरी तक होने वाले इस आयोजन में पूरे देश से युवा खिलाड़ी इंदौर पहुंचेंगे। इस दौरान बस और रिक्शा संचालक ध्यान दें कि किसी भी खिलाड़ी को कोई परेशानी ना आए। कहीं भी कोई खिलाड़ी नजर आए तो तुरंत वाहन रोककर उसकी हर संभव मदद करें, क्योंकि लोक परिवहन शहर का चेहरा होते हैं।
यह बात कल आरटीओ प्रदीप शर्मा ने आरटीओ ऑफिस में शहर के बस और रिक्शा संचालकों की बैठकों में कही। आरटीओ ने सभी प्रमुख बस और रिक्शा संगठनों के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया गेम्स के लिए खिलाड़ी पहले से आना शुरू हो जाएंगे। ज्यादातर खिलाड़ी पहली बार इंदौर आ रहे होंगे, इसे देखते हुए उन्हें कहीं भी जाना हो तो उनकी पूरी मदद करें। रास्ता बताने से लेकर सही स्थान तक छोडऩे में मदद करें। बस संचालक खिलाडिय़ों को बसों में पानी की बॉटल आदी सुविधा दें।
रिक्शा चालक भी कहीं भी किसी भी खिलाड़ी से नए व्यक्ति देखकर ज्यादा किराया ना वसूलें, किराया मीटर के हिसाब से ही लें। खिलाड़ी कोई भी जानकारी चाहें जैसे खाने-पीने, घूमने और शॉपिंग के अच्छे स्थान तो उन्हें पूरी मदद करें। सडक़ पर अगर कोई खिलाड़ी खड़ा नजर आता है तो रुककर उससे पूछें कि क्या उसे किसी मदद की जरुरत है और जो संभव मदद हो वो जरुर करें। इससे बस और रिक्शा चालकों के साथ ही शहर की भी अच्छी छवि लेकर ये खिलाड़ी पूरे देश में जाएंगे। बैठक में बस संचालकों की ओर से प्राइम रुट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा और रिक्शा चालकों की ओर से भगवा रिक्शा चालक संघ के विरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने परिवहन अधिकारियों को हर खिलाड़ी को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने का आश्वासन दिया।
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