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पीएम मोदी ने दी “जुगाड़ू” नेताओं को सलाह

January 12, 2021

16 जनवरी से देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। इस बाबत कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप आज सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे से ट्रकों में भरकर रवाना हो भी गई है। इससे पहले पीएम मोदी ने देश के नेताओं को नसीहत दी है। पीएम मोदी ने नेताओं से कहा कि जब भी उनका नंबर आए वे वैक्सीन जरूर लें, लेकिन नियम न तोड़ें। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या नेता लोग पीएम मोदी की इस सलाह को मानेंगे?

वैक्सीन लेने में आगे निकलने की कोशिश न करें
पीएम मोदी सोमवार को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन 2 वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं। अभी चार और वैक्सीन प्रोग्रेस में हैं। ऐसे में राजनेता अपनी बारी आने पर ही कोरोना वैक्‍सीन लगवाएं, आगे निकलने की कोशिश नहीं करें।

आप लोगों से बात करके ही प्राथमिकता तय की
पीएम मोदी ने कहा कि अगर भारत को वैक्सीन के लिए विदेशी वैक्सीन पर निर्भर होना पड़ता तो हमें इतनी मुसीबत हो जाती है कि हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्‍होंने कहा कि आप लोगों से चर्चा करके ही तय किया गया है कि टीकाकरण में किस को प्राथमिकता दी जाएगी। सबसे पहले टीका उन लोगों को दिया जाएगा जो लोगों की सेवा में दिनरात लगे हुए हैं जैसे कि हमारे हेल्थ केयर वर्कर उसके बाद सफाईकर्मी पुलिस जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले चरण में टीका लगाया जा रहा है।

नेताओं में दिखती है वीआईपी कल्चर की होड़
भारत में हर काम में जुगाड़ लगाने और कतार तोड़कर दूसरों से आगे निकलने की आदत सी है। इसी वजह से हमारे देश में नेताओं में आमतौर पर वीआईपी कल्चर की होड़ सी दिखती है। उन्हें लगता है कि वह नेता हैं तो उन्हें हर सुविधाएं सबसे पहले मुहैया होनी चाहिए। इस वजह से कई बार हमारे सामने ऐसी तस्वीरें या वीडियोज सामने आते हैं जिनमें कोई नेता किसी पुलिसकर्मी, टोलकर्मी या सरकारी अधिकारी से उलझता हुआ दिखाई देता है। कभी वह बिना टोल दिए आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, कभी वह ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते तो कभी हर सुविधाएं उनको सबसे पहले चाहिए होती हैं। ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि वैक्सीन के मामले में भी ऐसा कुछ देखने को मिल सकता है।

वीआईपी कल्चर के सख्त खिलाफ हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी वीआईपी या वीवीआईपी कल्चर के सख्त खिलाफ हैं। उनका मानना है कि हर भारतीय खास और VVIP है। ऐसे ही अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने सरकारी गाड़ियों से लालबत्ती हटाने का फैसला किया था। तब एक मई 2017 से पूरे देश में लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। भारत में लालबत्ती हमेशा से वीआईपी कल्चर का हिस्सा माना जाता रहा है। ऐसे कई मौके आए हैं जब पीएम मोदी ने नेताओं से खुद को वीआईपी न समझने की अपील की है, फिर भले ही इसमें उनकी पार्टी के नेता या मंत्री क्यों न शामिल रहे हों।

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