
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ‘विश्व जल दिवस’ के अवसर पर सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए ‘जल शक्ति अभियान’ का शुभारंभ किया। इस अभियान को ‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’ नाम दिया गया है।
नदियों को आपस में जोड़ने वाली पहली राष्ट्रव्यापी परियोजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों को सूखे से राहत मिलेगी।
जल शक्ति अभियान के तहत ‘कैच द रेन’ की शुरुआत करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि यह खुशी की बात है कि जल शक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और प्रयास भी बढ़ रहे हैं। इस अभियान को प्रभावी बनाने की दिशा में मनरेगा के एक-एक पैसे का इस्तेमाल जल संरक्षण में किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया जल के महत्व को उजागर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय जल दिवस मना रही है। भारत की निर्भरता का विजन भी जल स्त्रोतों पर निर्भर है। ऐसे में अगर देश में पानी का दोहन नहीं रुका तो आने वाले दशकों में स्थिति चिंताजनक होगी। इसलिए जरूरी है कि मनरेगा का एक-एक पैसा जल संरक्षण में इस्तेमाल हो।
आगे उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूरता बढ़ाने की दिशा में सबको मिलकर काम करना होगा। इसके लिए सभी को जल शपथ लेना होगा और मिलकर जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी सिर्फ हर परिवार और खेती की जमीन के लिए नहीं है, बल्कि जीवन के हर आर्थिक पहलू के लिए भी है। प्रभावी जल प्रबंधन के बिना तेज विकास असंभव है। भारत की आस्था निर्भर भारत की दृष्टि, हमारे जल संसाधनों पर निर्भर है।
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