
नई दिल्ली। पोलैंड के विदेश मंत्री (Polish Foreign Minister) व्लादिस्लाव तोफिल बार्टोजूस्की (Władysław Teofil Bartoszewski) भारत यात्रा पर हैं। खास बात है कि उनकी यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) भारत का दौरा करने जा रहे हैं। इस बीच बार्टोजूस्की ने एक भारतीय अखबार को दिए इंटरव्यू में रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध रुकवाने में भारत की भूमिका पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की बात पर पुतिन ध्यान देते हैं।
बार्टोजूस्की ने कहा, ‘मुझे बहुत उम्मीद है कि जब वह दिल्ली आएंगे, तो पीएम मोदी उन्हें शांति स्थापित करने के लिए कहेंगे। जैसा कि मैंने कहा कि 6-7 महीने पहले जब मैं यहां था, तब पीएम मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पुतिन से यूक्रेन में टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा था। और दोनों ने सही काम किया…।’
उन्होंने आगे कहा, ‘तो मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी पुतिन से कहेंगे कि देखिए राष्ट्रपति आपको यूक्रेन के साथ शांति समझौता कर लेना चाहिए, क्योंकि संघर्ष से हमारा, आपका या किसी का भी कोई फायदा नहीं है। क्योंकि यह भारत को भी प्रभावित करता है, कारण है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दो बड़ी रूसी कंपनियों से तेल निकलना बैन कर दिया है…। भारत की (रूस से) बड़ी सप्लाई है, जो काफी कम हो चुकी है।’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप जिन टैरिफ का इस्तेमाल देशों पर प्रभाव डालने के लिए कर रहे हैं, वो भारत के हित में नहीं हैं। हम टैरिफ के खिलाफ थे, क्योंकि हम फ्री ट्रेड के पक्ष में हैं। यह भारत के पक्ष में है कि यूक्रेन में कोई युद्ध न हो और यह सामान्य है। सामान्य व्यापार बहाल होगा और भारत को इससे फायदा होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत के पास एक फायदा है, क्योंकि भारत एक गंभीर देश है जो सोवियत संघ का लंबे समय तक मित्र रहा और अब रूस का है…। भारत को रूस के दुश्मन की तरह नहीं देखा जाता और यहां सालों से करीबी संबंध हैं। इसका मतलब है कि यह है कि आपके पास फायदा है, क्योंकि आप दोस्तों की तरह बात कर रहे हैं…।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन रूस अलग है, उसे अलग तरीके से देखा जाता है। हां जो देश रूस पर वास्तव में दबाव डाल सकता है, वह चीन है, क्योंकि 80 फीसदी डुअल यूज मटेरियल चीन से आता है और चीन रूस से काफी फॉसिल फ्यूल लेता है। और उसके पास रूसी क्षेत्र तक कई चीजों की पहुंच रोकने की क्षमता है। चीन उत्तर कोरिया के सैनिकों को रूस में लड़ने से रोक सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘चीन के पास युद्ध रोकने की बड़ी संभावनाएं हैं। जबकि, भारत एक गंभीर देश है, जिसके रूस के साथ अच्छे संबंध हैं और इसके चलते वह कुछ दबाव डाल सकता है, जैसा कि उसने टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों के मामले में किया था। यह चीन के लिए उतना आसान नहीं है। रूस धीरे-धीरे चीन का गुलाम बनता जा रहा है। वो बराबर नहीं हैं। वो निर्भर हैं। पुतिन पीएम मोदी की बातों पर ध्यान देते हैं।’
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