
इंदौर में वारदात के दौरान कैद हुए थे, फुटेज से की पहचान
इंदौर। शहर में वाहन चोरी, डकैती और चोरियों की सबसे अधिक वारदातों के पीछे देवास के कंजर गिरोह (Kanjar Gang) का हाथ सामने आया है, जो शहर में हुई घटनाओं में कैद हुए हैं। पुलिस ने देवास के तहसीलदार और पंचायतों से उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी है, ताकि अवैध संपत्ति को ध्वस्त और लीगल संपत्ति को राजसात किया जा सके।
एडीसीपी राजेश रघुवंशी (ADCP Rajesh Raghuwanshi) ने बताया कि शहर में हुई कई घटनाओं में कंजरों की भूमिका सामने आने के बाद पुलिस उनकी संपत्ति का पता लगा रही है। इसके लिए पुलिस की टीम उनके प्रमुख डेरे पीपलरावां, टोंकखुर्द, टोककलां, काली घाटी, कुमारिया और पोलायकलां भेजी गई थी। टीम ने इंदौर की घटना में फरार चल रहे 20 कंजरों की संपत्ति की जानकारी वहां से जुटाई है, जबकि यहां के तहसीलदार और पंचायतों को पत्र लिखकर उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी है, ताकि अवैध संपत्ति ध्वस्त की जा सके और लीगल संपत्ति कोर्ट के माध्यम से राजसात की जा सके। इन पर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा है। शहर में कई घटनाओं में इनके फुटेज पुलिस के हाथ लगे हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है।
दो हजार से अधिक गाडिय़ां हर साल होती हैं चोरी
शहर पुलिस के लिए वाहन चोरी बड़ी समस्या बनी हुई है। हर साल शहर से करीब दो हजार गाडिय़ां चोरी होती हैं। सबसे अधिक गाडिय़ां देवास के कंजर और धार-टांडा के गिरोह चुराते हैं। इसके चलते पुलिस ने कुछ समय से लगातार हर पंद्रह दिनों में इनके डेरों पर छापे की कार्रवाई की थी, जिसमें बड़ी संख्या में गाडिय़ां बरामद हुई थीं। वहीं इनकी धरपकड़ के बाद वाहन चोरी में भी कमी आई थी।
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