नई दिल्ली। सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद से हटने की खबरों के बीच बंगाल में राजनीतिक विवाद (political controversy) छिड़ गया है। दरअसल ऐसी खबरें हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान गांगुली (Former Captain Ganguly) की जगह रोजर बिन्नी ले सकते हैं। इन खबरों के सामने आने के बाद, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि यह कदम गांगुली के खिलाफ एक राजनीतिक प्रतिशोध(political vendetta) था। बता दें कि भारत की 1983 की विश्व कप विजेता टीम के नायक रहे रोजर बिन्नी का सौरव गांगुली की जगह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनना तय है। गांगुली पिछले तीन वर्षों से बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और वह 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बिन्नी के लिए अपना पद छोड़ देंगे।
गांगुली के हटने की खबरों पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ट्विटर पर कहा कि अमित शाह (Amit Shah) के बेटे अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं लेकिन गांगुली नहीं। उन्होंने लिखा, “राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण। अमित शाह (Amit Shah) के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है। लेकिन गांगुली नहीं को (अध्यक्ष पद पर) नहीं रखा जा सकता। क्या इसलिए कि वह पश्चिम बंगाल (West Bengal) राज्य से हैं या वे भाजपा में शामिल नहीं हुए? हम आपके साथ हैं दादा!”
सेन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) इस साल मई में रात के खाने के लिए गांगुली के आवास पर आए थे। उन्होंने कहा कि शाह ने (गांगुली) कई बार भाजपा में शामिल होने के लिए कहा था। वह चाहते थे कि गांगुली पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ चेहरा बनें। उन्होंने आगे कहा कि गांगुली की अध्यक्षता इसलिए छीन ली गई क्योंकि उन्होंने अमित शाह के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा, “यह केवल राजनीतिक रूप से प्रभावित कार्य नहीं है बल्कि खेलों का सस्ता भगवाकरण है। भाजपा ने अपने नेताओं के परिवार के सदस्यों के लिए सभी शीर्ष प्रबंधकीय पद आरक्षित किए हैं।”
Another example of political vendetta.
Son of @AmitShah can be retained as Secretary of #BCCI.
But @SGanguly99 can't be.
Is it because he is from the State of @MamataOfficial or he didn't join @BJP4India ?
We are with you Dada!
— DR SANTANU SEN (@SantanuSenMP) October 11, 2022
आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “मुझे नहीं पता कि शांतनु सेन या उनकी पार्टी ने सौरव गांगुली की किसी तरह से मदद की या नहीं। टीएमसी राजनीति करने की आदी है और वे इसे जारी रखे हुए हैं।” भाजपा के वरिष्ठ नेता और खड़गपुर से सांसद ने यह भी सवाल किया कि क्या रोजर बिन्नी कभी भाजपा से जुड़े थे। घोष ने कहा कि भाजपा को निशाना बनाने से पहले बंगाल सरकार (Government of Bengal) को बंगाल में खेलों को पुनर्जीवित करने पर काम करना चाहिए।
गांगुली की जगह बीसीसीआई अध्यक्ष बनेंगे रोजर बिन्नी, सचिव पद पर बने रहेंगे शाह
पिछले एक सप्ताह से चल रही गहमागहमी के बाद यह फैसला किया गया कि बेंगलुरु के रहने वाले 67 वर्षीय बिन्नी बोर्ड के 36वें अध्यक्ष होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई सचिव बने रहेंगे। शाह इसके अलावा आईसीसी बोर्ड में गांगुली की जगह भी लेंगे। बीसीसीआई पदाधिकारियों में शामिल एकमात्र कांग्रेसी राजीव शुक्ला बोर्ड के उपाध्यक्ष बने रहेंगे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन होंगे। वह बृजेश पटेल की जगह लेंगे।
महाराष्ट्र में भाजपा के नेता आशीष शेलार बोर्ड के नए कोषाध्यक्ष होंगे जिसका मतलब है कि वह मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) का अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। उन्हें शरद पवार गुट के समर्थन से यह भूमिका निभानी थी। असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा के करीबी देवजीत सैकिया नए संयुक्त सचिव होंगे। वह जयेश जॉर्ज की जगह लेंगे। बीसीसीआई आईसीसी चेयरमैन के लिए चुनाव लड़ेगा या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं किया गया है।
बीसीसीआई सूत्रों ने पीटीआई से कहा,‘‘ केंद्र सरकार में शामिल एक प्रभावशाली मंत्री ने बोर्ड के पदाधिकारियों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ बिन्नी 18 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली बीसीसीआई की एजीएम में आधिकारिक रूप से पदभार संभालेंगे। किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं होगा क्योंकि सभी उम्मीदवारों को सर्वसम्मति से चुना गया है।
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