
इंदौर। गम्भीर बीमारियों का इलाज कराने वाले मरीजो की संख्या नहीं बताकर मनमानी करने वाले अस्पतालों के पंजीयन निरस्त करने की करवाई जिला स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी है। सीएमएचओ कहना है अभी तो 15 से ज्यादा निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, इसके बाद शासन के नियमों का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों के पंजीयन निरस्त किए जाएंगे।
शासन के आईएचआईपी पोर्टल मतलब इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफर्मेशन प्लेट फार्म यानी एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच सम्बन्धित पोर्टल पर गम्भीर बीमारियों के इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या सम्बन्धित जानकारी नहीं देने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने आज शहर के 15 से ज्यादा निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किए हैं।
इन निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किए
जिन्हें नोटिस जारी किए हैं, इनमें चरक अस्पताल, भंडारी अस्पताल, अर्पण अस्पताल, ईएसआईसी मॉडल अस्पताल, केवल्य अस्पताल, मेवाड़ा मेडिकेयर, फिनिक्स अस्पताल, सोडाणी संपूर्ण डायग्नोस्टिक क्लिनिक, प्रेमकुमारी देवी अस्पताल, सेवाकुंज अस्पताल, शैल्बी अस्पताल, एसएमएस एनर्जी अस्पताल, एसएनजी अस्पताल, सनराइज अस्पताल, यूनिवर्सल अस्पताल सहित केयर सेंटर को सरकार के आईएचआईपी पोर्टल पर शासन द्वारा चिन्हित बीमारियों का इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या की जानकारी देने की चेतावनी दी गई है। जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि पोर्टल पर बीमारी सम्बन्धित दी गई जानकारी की मासिक समीक्षा भारत सरकार द्वारा की जाती है। इसलिए समयसीमा में जानकारी पोर्टल पर अपलोड ना करने पर नर्सिंग होम अधिनियम कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। सीएमएचओ डाक्टर माधव हसानी ने बताया कि आईएचआईपी प्रभारी डॉ निर्मला अखंड ने अभी तक 15 से ज्यादा अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इसके अलावा अन्य चिकित्सा संस्थानों मतलब निजी अस्पताल वालों को भी विभागीय नियम पालन न करने पर पंजीयन निरस्त करने सम्बन्धित नोटिस देने की तैयारी जारी है।
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