
नई दिल्ली । देश के सबसे भरोसेमंद दोस्त और पुराने साझेदार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) आज भारत (India) आ रहे हैं. पूरा देश उनके स्वागत के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. साथ ही कुछ जगहों पर तो महिलाएं उनकी तस्वीर की आरती उतारती भी दिखाई दे रही हैं. इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति के भारत आने से पहले नई दिल्ली में स्थित रूसी हाउस ने एक फोटो प्रदर्शनी लगाई है जो 2 खास बातों का जश्न मनाने के लिए हैं. पहला सैन्य और तकनीकी सहयोग के एक सरकारी विभाग की 25वीं सालगिरह और रोसोबोरोनएक्सपोर्ट की 25वीं सालगिरह.
भारत-रूस की दोस्ती रॉकेट जैसी
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस रॉकेट इंजनों की तकनीक पर एक नए समझौते के जरिए भारत के साथ अपनी पुरानी दोस्ती को और भी गहरा करने को तैयार है. यह समझौता दिखाता है कि दुनिया की तेज प्रतिस्पर्धा के बीच भी दोनों देशों का अंतरिक्ष सहयोग एक बड़ा कदम आगे बढ़ रहा है. Roscosmos के महानिदेशक दिमित्री बकानोव ने बताया कि भारत में रॉकेट इंजनों को बनाने का समझौता जल्द ही होने वाला है.
भारत-रूस का टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
दिमित्री बकानोव ने कहा, भारत अंतरिक्ष में हमारा बहुत बड़ा दोस्त है और जल्द ही हम इंजनों के मामले में भी साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने आगे कहा, हम इंजन कार्यक्रम पर एक समझौते पर दस्तखत करेंगे. हम भारत को कुछ इंजन देंगे और फिर लाइसेंस देकर यहीं भारत में उत्पादन करेंगे. इसके बाद हम अंतरिक्ष में भी संपर्क साधेंगे.
भारत के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम
इसके अलावा बकानोव ने Gaganyaan पर भी बात की. यह भारत की योजना है जिसके तहत अंतरिक्ष यात्रियों को धरती की कक्षा में भेजा जाएगा. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वे भारतीय साथियों के साथ इसपर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हम सीटों और खास उपकरणों पर भारतीय साझेदारी के मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वे रूस के दशकों पुराने अनुभव का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जीवन बचाने वाले उपकरण बना रहे हैं.
तेज प्रगति का सर्टिफिकेट
Roscosmos के प्रमुख ने भारत की तेज प्रगति की तारीफ करते हुए कहा, ‘भारतीय कार्यक्रम बहुत ही शानदार है और आप तेजी से आगे बढ़ रहे हैं’. उन्होंने आगे कहा, ‘आपके पास हर तरह के रॉकेट और सैटेलाइट हैं. अंतरिक्ष का बाजार बहुत ही प्रतिस्पर्धी है’. हमारे पास मिलकर काम करने की अपार संभावनाएं हैं.
भारत और रूस की अंतरिक्ष साझेदारी
भारत और रूस के अंतरिक्ष संबंध 1970 के दशक से चले आ रहे हैं. 1975 में रूस ने भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट को लॉन्च किया था. इसके बाद 1984 में रूस ने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री को ट्रेनिंग दी और अंतरिक्ष में भेजा था. यह बयान राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा से पहले आया है. बता दें कि 2021 के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी.
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