
वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वाराणसी में (In Varanasi) ‘काशी तमिल संगमम’ (‘Kashi Tamil Sangamam’) का उद्घाटन किया (Inaugurated) । पीएम मोदी ने रिमोट के जरिए महीने भर चलने वाले काशी तमिल संगमम कार्यक्रम का आगाज किया । इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों- तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना और उनका उत्सव मनाना है। इस दौरान तमिलनाडु से आए हजारों यात्री इस काशी तमिल संगमम में शामिल हुए ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा कि, “बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन किया जा रहा है। इससे दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा है। सहस्त्राब्दियों पुराना संबंध फिर से नवजीवन पा रहा है।” उन्होंने कहा कि, “यह आयोजन आज़ादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को जीवित कर रहा है… काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, “तमिल भाषा का साहित्य अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यह मान्यता है कि भगवान शिव के मुंह से जो दो भाषाएं निकलीं उनमें तमिल और संस्कृत समान रूप से एक साथ निकलकर अपने समृद्ध साहित्य के लिए जानी जाती है।” शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस विशिष्ट आयोजन के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जा रहा है।
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