
पटना । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बिहार में ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ (‘Chief Minister Women Employment Scheme’ in Bihar) की लाभार्थियों से बातचीत की (Interacted with the Beneficiaries) ।
बिहार की ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के लॉन्च इवेंट ने एक सामान्य कार्यक्रम से बढ़कर दिल से दिल की बातचीत का रूप ले लिया, जब पीएम मोदी ने उन महिला लाभार्थियों से बातचीत की, जिनकी जिंदगी सरकारी पहलों के माध्यम से बदल रही है। जो दृश्य सामने आया वह सिर्फ नीति चर्चा नहीं थी, बल्कि प्रेरणादायक कहानियों, आभार और उत्सव की भावना का संगम था।
लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को स्नेहपूर्वक ‘भैया’ कहकर संबोधित किया, जो उनके और पीएम मोदी के बीच के जुड़ाव का प्रतीक है। इस मौके पर भोजपुर की रीता देवी, जिन्होंने 2015 में एक छोटे पोल्ट्री व्यवसाय के साथ अपनी उद्यमिता यात्रा शुरू की थी, गर्व से बोलीं, “मेरी जिंदगी बदल गई है। जब मुझे 10 रुपए का सहयोग मिलेगा, तो मैं 100 और मुर्गियां खरीदूंगी। सर्दियों में अंडों की मांग बढ़ जाती है और इससे मेरी आय बढ़ेगी।” वे यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने बताया कि कैसे कई सरकारी योजनाओं ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है।
उन्होंने कहा, “पहले हमारा घर बहुत खराब स्थिति में था, लेकिन पीएम आवास योजना से हमारे पास एक पक्का घर और शौचालय है। अब हम साफ पानी पीते हैं, चूल्हे की जगह उज्ज्वला गैस का उपयोग करते हैं, आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज पाते हैं और 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती है। बचत हमारे बच्चों के भविष्य को सुदृढ़ करने में उपयोग होगी। यह बिल्कुल नई जिंदगी की तरह लगता है।”
पश्चिम चंपारण की रंजीता काजी ने रोजगार योजना को त्योहार के समान बताया। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे क्षेत्र में सड़कें, पानी और बिजली आएगी। उज्ज्वला ने हमें धुएं से मुक्त कर दिया। 10 हजार रुपए से मैं ज्वार और बाजरा की खेती में निवेश करूंगी और जब मुझे 2 लाख मिलेंगे तो मैं और बढ़ूंगी, स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए एक दिन लाखपति बनूंगी।”
गया की नूरजहां खातून की कहानी सशक्तिकरण और गरिमा दोनों को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “हम इस 10 हजार रुपए के उपहार से बहुत खुश हैं, क्योंकि यह हमें अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर देता है। पहले, परिवारों को हमारा बाहर जाना पसंद नहीं था। यहां तक कि पति भी हमें मारते थे। लेकिन आज आत्मनिर्भरता के कारण परिवार हमारा सम्मान करता है। पहले हम अपने पतियों को अपनी संपत्ति मानती थीं, अब हमारे पति हमें लखपति मानते हैं।”
पूर्णिया की पुतुल देवी, जो एक छोटा मिठाई की दुकान चलाती हैं, उनके लिए रोजगार योजना सपनों तक पहुंचने का पुल है। उन्होंने कहा, “जब मुझे 2 लाख रुपए मिलेंगे, तो मैं अपना व्यवसाय बढ़ाऊंगी और पीएम की स्वदेशी दृष्टि के साथ राष्ट्र को सशक्त बनाऊंगी। लोग मुझ पर हंसते थे, लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद सब बदल गया। आज, 125 यूनिट मुफ्त बिजली से मैं बचत करती हूं और अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करती हूं।”
पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में पुतुल देवी से पूछा कि क्या उन्हें जलेबी पर होने वाली राजनीति का पता है, जिसे सुनकर सभी हंस पड़े। उनकी कहानियों को गहराई से सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न विकास योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में आवास और स्वास्थ्य सेवा से लेकर बिजली और आजीविका तक समग्र बदलाव लाया है। पीएम मोदी ने महिलाओं से कहा कि इस भावना को आगे बढ़ाएं और कहा, “अपने गांव के कम से कम एक क्षेत्र में जाएं और दूसरों को सरकारी पहलों के बारे में बताएं। उन्हें प्रेरित करें जैसे आप आज हमें प्रेरित कर रही हैं।”
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